भारत भूषण सारंगढ़ / रायगढ़ फर्जी जाति प्रमाण पत्र के जरिए नौकरी हासिल कर वर्षों से तनख्वाह वसूल रहे 15 सहायक शिक्षकों की सेवा समाप्ति के साथ उन पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश जिला पंचायत सीईओ ने जारी किया है. इस कार्रवाई से शिक्षकों में हड़कंप की स्थिति है.
मिली जानकारी के अनुसार, वर्ष 2005 से 2012-13 के बीच 6 माह के लिए अस्थाई जाति प्रमाण-पत्र सहित अन्य प्रमाण पत्र बनवा कर बरमकेला एवं सारंगढ़ क्षेत्र में सहायक शिक्षक के पद पर कार्यरत थे, जिन्होंने अब तक स्थाई प्रमाण पत्र जमा नहीं किया था. इस शिक्षकों के खिलाफ जिला पंचायत सीईओ से पूर्व में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी हासिल की शिकायत हुई थी.
जिला पंचायत सीईओ ने 11 जुलाई 2017 को जनदर्शन में कलेक्टर को प्राप्त शिकायत के आधार पर तत्कालीन एसडीएम सारंगढ़ को जांच का जिम्मा सौंपा था, लेकिन तत्कालीन एसडीएम 4 साल तक जांच पूरा नहीं कर सके. जब सारंगढ़ में नए एसडीएम चंद्रकांत वर्मा आए तो जांच की गति तेज हुई और अंततः फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवा कर नौकरी कर रहे 15 सहायक शिक्षक बेनकाब हुए. अब जांच प्रतिवेदन के आधार पर जिला पंचायत सीईओ ऋचा प्रकाश चौधरी ने एफआई आर का आदेश जारी कर दिया है.
27 शिक्षकों के खिलाफ थी शिकायत
बरमकेला क्षेत्र के ग्राम झनकपुर निवासी मुरलीधर चौहान ने जुलाई 2017 में कलेक्टर के जनदर्शन में 27 शिक्षकों के खिलाफ शिकायत की गई थी, जिसमें फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करना बताया गया था. एसडीएम सारंगढ़ के जांच में पता चला कि 27 में से 15 शिक्षक ही फर्जी जाति प्रमाण- पत्र का सहारा लेकर अब तक नौकरी कर रहे थे, जिनकी सेवा समाप्ति के साथ एफआईआर करने का आदेश जारी किया गया है.