नई दिल्ली . 59 लोगों की दर्दनाक मौत का गवाह रहा उपहार सिनेमा हॉल एकबार फिर चर्चा में है. 26 साल बंद रहने के बाद पटियाला हाउस कोर्ट ने उपहार सिनेमा परिसर को डी-सील करने का आदेश दिया है. जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजय गर्ग ने कहा कि मुकदमा अंतिम पड़ाव पर पहुंच गया है, इसलिए संपत्ति को सील रखने का कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा.

सिनेमा हाल से सीलिंग हटाने की अर्जी अंसल थिएटर्स एंड क्लब होटल्स प्राइवेट लिमिटेड की ओर से दायर की गई थी, जिसके पूर्व निदेशक रियल एस्टेट कारोबारी सुशील अंसल और गोपाल अंसल है. इस मामले में अंसल बंधुओं को दोषी ठहराया गया था.

अदालत ने कहा कि इस संपति को सील रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा. ग्रीन पार्क स्थित सिनेमाहॉल में 13 जून 1997 को बॉर्डर फिल्म के प्रसारण के समय आग लग गई थी. तभी से यह बंद पड़ा था. इस हादसे में 59 लोगों की जान चली गई थी. पटियाला हाउस अदालत ने कहा कि सीबीआई, दिल्ली पुलिस और उपहार त्रासदी पीड़ितों के संघ (एवीयूटी) की अध्यक्ष नीलम कृष्णमूर्ति पहले ही आवेदक को सिनेमाघर वापस करने के लिए उच्चतम न्यायालय को अपनी अनापत्ति दे चुकी हैं. सिनेमाहॉल को डी-सील करने के लिए याचिका अंसल थिएटर्स एंड क्लब होटल्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर की गई थी. इसके पूर्व निदेशक रियल एस्टेट कारोबारी सुशील अंसल और गोपाल अंसल थे.

अदालत ने कहा क्योंकि मुकदमा अंतिम पड़ाव पर पहुंच गया है, इसलिए संपत्ति को सील रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा. अदालत ने कृष्णमूर्ति की उस दलील को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले की एक प्रति दाखिल करने, लेकिन अदालत को गुमराह करने के वास्ते जानबूझकर एक पृष्ठ के नीचे की कुछ पंक्तियां छोड़ने के लिए आवेदक के खिलाफ उचित कार्रवाई का अनुरोध किया था. अदालत ने कहा कि ऐसा अनजाने में हुआ है.