रायगढ़. अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी के 60वें जन्मदिवस के शुभ अवसर पर आज दिनांक 24 जून को भारत के साथ साथ विदेशों में भी स्थित समूह के सभी संस्थानों में विशाल रक्त दान शिविर का आयोजन किया गया. इसी कड़ी में अदाणी समूह के रायपुर, सरगुजा, रायगढ़ जिले में स्थित सभी परियोजनाओं में विशेष रक्त दान शिविर लगाए और साथ ही रक्त दान से सम्बंधित भ्रंतियां को दूर करने का भी प्रयास किया गया. अदाणी समूह द्वारा यह एक प्रयास है समाज में एक दूसरे की मदद करने की तत्परता को उजागर करने का.

जिनमें रायगढ़ जिले के दो विकासखंड तमनार और पुसौर में स्थित क्रमशः गारे पाल्मा-3 कोलियरी लिमिटेड (जीपी-3सीएल) के एमडीओ अदाणी समूह और रायगढ़ एनर्जी जनरेशन लिमिटेड (आरईजीएल) द्वारा एक दिवसीय विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन खदान परिसर और सयंत्र परिसर में किया गया. आज गुरूवार 24 जून को सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक चलाये जा रहे एक दिवसीय शिविर में जीपी-3 सीएल कोल माइंस, मिलूपारा और आरईजीएल, छोटे भंडार में कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ-साथ कार्यरत बड़ी संख्या में कांट्रैक्टर्स, वेंडर्स, माइन वर्कर्स और ग्रामीणों के द्वारा रक्तदान किया गया.

शिविर का मुख्य उद्देश्य रक्तदान के बारे में मिथकों को तोड़ना तथा रक्त दान के संबंध में जागरूकता फैलाते हुए लोगों को नियमित रूप से रक्तदान करने के लिए प्रेरित करना है. दोनों विकासखंडों में अलग-अलग आयोजित रक्त दान शिविरों का शुभारंभ क्रमशः जीपी-3सीएल में केके दुबे क्लस्टर हेड-आईआर, विपिन सिंह माइंस हेड, द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया. जबकि आरईजीएल में सयंत्र प्रमुख समीर कुमार मित्रा द्वारा शिविर उद्घाटित हुआ. जीपी-3सीएल में शिविर रायगढ़ मेडिकल कॉलेज हास्पिटल के ब्लड बैंक की दस सदस्यीय टीम द्वारा दोपहर 3 बजे तक 72 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया. जबकि आरईजीएल में जिंदल फोर्टिस अस्पताल और रेड क्रॉस सोसाइटी रायपुर को 250 यूनिट रक्त का दान किया गया. समाचार लिखे जाने तक दोनों शिविरों से कुल 322 यूनिट रक्त का दान किया गया. रक्त दान हेतु बड़ी संख्या में कांट्रेक्टर्स जिसमें, हेमटेक, आशा कांट्रेक्टर्स, इत्यादि, के कामगारों ने सहर्ष रक्त दान किया.

रक्त दान से सम्बंधित कई मिथक दूर किये गए

आमतौर पर पर रक्तदान से संबंधित समाज में कई भ्रांतियां हैं. जहां कई लोग ये मान कर बैठे हैं की शरीर में सीमित रक्त है, वहीं कुछ लोग ये कह कर इसमे सम्मिलित नहीं होते की प्रक्रिया में समय लगता है और दर्द भी काफी ज्यादा होता है| कुछ लोगों का ये भी मानना है कि उच्च रक्तचाप और मधुमेह की बीमारी में रक्त दान नहीं कर सकते और अब कोरोना वैक्सीन लिए हुए व्यक्ति भी रक्त दान नहीं कर सकते है. फाउंडेशन के तरफ से मेडिकल टीम ने सारी भ्रांतियां को दूर किया और शिविर में आए सब लोगों को इस बात के लिए प्रेरित किया की वो औरों में भी जागरुकता फैलाएं.

मेडिकल टीम ने बताया कि वास्तविक तौर पर रक्त दान करते समय दर्द सिर्फ एक सुई की चुभन से ज्यादा नहीं होता है. दान की प्रक्रिया, पंजीकरण तथा जलपान लेने तक मुश्किल से 20 से 30 मिनट लगते हैं. डोनेशन के दौरान सिर्फ 350-400 मि.ली. खून ही लिया जाता है. जबकि रक्तदान के बाद शरीर तेजी से नई कोशिकाओं का निर्माण कर इसकी आपूर्ति स्वयं ही कर लेता है. 18-60 वर्ष की आयु के बीच का कोई भी व्यक्ति जो फिट और स्वस्थ है, वह रक्त दे सकता है. 45 किलो से अधिक वजन वाला कोई भी व्यक्ति रक्तदान कर सकता है. वहीं बिना इन्सुलिन अर्थात गोलियों की मदद से अपने मधुमेह को नियंत्रित करने वाले व्यक्ति रक्त दान कर सकते हैं. जिनका रक्तचाप 100-140 सिस्टोलिक और 60-100 डायस्टोलिक के बीच नियंत्रित होता है, वे रक्त दान कर सकते हैं और कोरोना वैक्सीन लिया हुआ व्यक्ति टीकाकरण के 14 दिन बाद और कोविड संक्रमण से ठीक होने के 28 दिन बाद रक्तदान कर सकता है.

गौरतलब है कि अदाणी फाउंडेशन के द्वारा अपने परियोजनाओं के आसपास के ग्रामों में सामाजिक सरोकारों के अंतर्गत गुणवत्ता युक्त शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका संवर्धन और ग्रामीण अधोसंरचना के कई कार्य संचालित करता है.