भिलाई. वर्तमान में सबसे बड़ी संपत्ति ज्ञान है. ज्ञान के माध्यम से, रिसर्च के माध्यम से जो नवाचार करते हैं वो आपका इंटलेक्चुअल प्रापर्टी राइट होता है. इसे दर्ज करा लें तो यह आपकी संपत्ति हो जाती है. यदि कोई दूसरा इसका उपयोग करे, उसे इसके बदले आपको शुल्क देना होगा. बदलते समय की जरूरतों के अनुरूप विद्यार्थियों के अपडेट किए जाने के लिए डॉ खूबचंद बघेल शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय भिलाई-3 वाणिज्य विभाग के द्वारा इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया. इसमें डॉ राकेश रंजन प्रवीर एसएसआईपीएमटी के द्वारा अतिथि व्याख्यान दिया गया.
कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय की प्राचार्य के द्वारा की गई. उन्होंने मुख्य अतिथि का स्वागत पुष्पगुच्छ के द्वारा किया. वाणिज्य विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. अल्पना दुबे के द्वारा महाविद्यालय की प्राचार्य का स्वागत किया गया. प्राचार्य के उद्बोधन के पश्चात डॉ. साकेत ने विषय विशेषज्ञ के रूप में इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी में समय के अनुसार बड़ा परिवर्तन आया है.
बता दें कि, वर्तमान में इस प्रकार की संपत्ति का महत्व बढ़ता जा रहा है आज हर वह व्यक्ति जो अपना कोई भी नया अनुसंधान करता है नई वस्तु नई रचना करता है. यदि संबंधित व्यक्ति इसको अपने नाम से पंजीकृत करा लेता है तो वह इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी में परिवर्तित हो जाती है. फिर कोई भी अन्य व्यक्ति उसे अपना नाम नहीं दे सकता, यदि कोई अन्य व्यक्ति उस वक्त इस रचना का प्रयोग करना चाहता है तो उसे संबंधित व्यक्ति विशेष से निर्धारित राशि का भुगतान करके उसका प्रयोग करने की अनुमति लेनी होती है और यदि कोई व्यक्ति बिना भुगतान करें उसका प्रयोग या निर्माण करेगा तो संबंधित व्यक्ति जिसने इसे अपने नाम से पंजीकृत किया है, केस दायर कर सकता है.
साथ ही इस विषय से संबंधित आईपीओ का इतिहास और वर्तमान नियमावली के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया गया. पूरे व्याख्यान में विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षकों ने भी बहुत रुचि दिखाई. संबंधित विषय पर प्रश्न उत्तर भी होते रहे, जिस पर डॉ. साकेत ने बड़े ही रोचक ढंग से हल किया. कार्यक्रम का पूरा संचालन और रूपरेखा डॉ. दीप्ति बघेल ने किया. अंत में डॉ. दुबे ने डॉ. साकेत की व्याख्यान को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए छात्रों को इस ओर आगे बढ़ने की सलाह दी. कार्यक्रम में डॉ. शीला विजय, मंजू दांडेकर, श्रुति देव, श्री रावत, डॉक्टर चूड़ामणि, कुमारी पूजा, कुमारी सुषमा भी उपस्थित रहे.
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