रायपुर. अग्नि सुरक्षा सप्ताह के तत्वाधान में मंगलवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन रायपुर और डिपार्टमेंट ऑफ फायर सर्विसेस छत्तीसगढ़ के सहयोग से चिकित्सा संस्थानों के लिए एक कार्यशाला का आयोजन पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर में किया गया.

इस कार्यशाला में चिकित्सकों को चिकित्सा स्थानों में चाहे वो क्लीनिक, नर्सिंग होम, अस्पताल या लैब हो, उनमें आग लगने के संभावित कारणों के बारे में जानकारी दी गई. साथ ही उन कारणों को किस प्रकार से दूर किया जा सकता है, इसके बारे में भी बताया गया.

कार्यशाला में विभिन्न प्रकार की अग्नि के बारे में बताते हुए ये जानकारी भी दी गई कि किसी तरह की आग को किस तरह के अग्निशमन यंत्र से बुझाया जा सकता है. साथ ही बताया गया कि चिकित्सा संस्थानों में आग लगने की स्थिति में आग बुझाने के दौरान और मरीजों को वहां से निकालने के दौरान क्या सावधानियां बरती जाए, जिससे खुद सुरक्षित रहते हुए मरीजों को भी सावधानीपूर्वक सुरक्षित रूप से निकाला जा सके.

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फायर और इमरजेंसी डिपार्टमेंट हमेशा चिकित्सकों की मदद के लिए तैयार- मयंक श्रीवास्तव

कार्यशाला के दौरान अग्नि दुर्घटनाओं के बारे में जानकारी अरविंद रस्तोगी और सीनियर टैक्निकल फायर ऑफिसर जेड एस पवार ने दी. आखिर मेंआईपीएस मयंक श्रीवास्तव ने चिकित्सकों के सवालों का जवाब भी दिया और आश्वासन दिया कि किसी तरह की कठनाई की स्थिति में फायर और इमरजेंसी डिपार्टमेंट हमेशा चिकित्सकों की मदद के लिए तैयार है.

ये रहे उपस्थित

कार्यशाला में अग्नि शमन यंत्रों का प्रदर्शन भी किया गया. कार्यशाला के दौरान डिपार्टमेंट ऑफ फायर सेफ्टी एंड इमरजेंसी सर्विसेस के डायरेक्टर जनरल आईपीएस मयंक श्रीवास्तव, डिविजनल कमांडेंट अनिमा कुजूर , डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट संजय मिश्रा , डीएसपी परवेज कुरैशी, अधिष्ठाता मेडिकल कॉलेज रायपुर डॉ. तृप्ति नागरिया, इंडियन मेडिकल हॉस्पिटल बोर्ड के छत्तीसगढ़ अध्यक्ष डॉ राकेश गुप्ता, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन रायपुर के अध्यक्ष डॉ विकास अग्रवाल और सचिव डॉ दिग्विजय सिंह उपस्थित थे. इसके अलावा कार्यशाला में विभिन्न अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक बड़ी संख्या में उपस्थित थे.