चंद्रकांत देवांगन, दुर्ग। जैसे-जैसे हम हाईटेक हो रहे हैं वैसे-वैसे अपराध करने के तरीके भी बदल रहे हैं. मौजूदा दौर में साइबर ठगी के मामले लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं. इन हाईटेक साइबर ठगों का शिकार आम जनता के साथ ही खास भी हो रहे हैं. चाहे वे मजिस्ट्रेट जैसे पदों पर बैठे जानकारी लोग हों या फिर पुलिस विभाग में उच्च पदों पर बैठे हुए अफसर ही क्यों न हों.
साइबर अपराधियों की ठगी से बचाने के लिए दुर्ग पुलिस की पहल लगातार जारी है. अब एक बार फिर दुर्ग पुलिस एक अनूठी पहल करने जा रही है. पुलिस द्वारा आम जनता को जागरुक करने के लिए 26 जनवरी गणतंत्र दिवस से OTP की शुरुआत करने जा रही है. जिले में भीड़भाड़ वाले इलाके में लोगों को ये OTP नजर आएगा, जो लोगों को ठगी से बचने का संदेश देगा. OTP और कोई नहीं बल्कि पुलिस विभाग द्वारा तैयार किया गया एक मॉडल है, इस चलते फिरते मॉडल को OTP ड्रेस पहनाकर भीड़-भाड़ वाले 50 से ज्यादा जगहों में तैनात किया जाएगा, जो कि लोगों को साइबर अपराधियों से बचने के लिए जागरुक करेगा.
दुर्ग जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रोहित झा ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों में जारूकता फैला कर साईबर अपराधों को रोकना है. OTP का मॉडल बनाने की वजह यही है कि अधिकांश साइबर अपराध मोबाइल में आने वाले OTP नंबर साझा करने की वजह से हुए हैं. ऐसे में अगर OTP नंबर शेयर नहीं करने के लिए जागरूक किया जाता है तो बहुत हदों तक इस अपराध को रोकने में सफलता मिलेगी. साइबर अपराध को लेकर दुर्ग पुलिस का जन जागरण अभियान लगातार जारी रहेगा. टैफिक वाले इलाकों के अलावा स्कूलों, कॉलोनियों और ग्रामीण इलाकों में भी जाकर लोगों को जागरूक करने का प्रयास जारी रहेगा.
पुलिस का कहना है कि लोगों में जागरूकता की कमी की वजह से ही लगातार साइबर अपराध के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. वहीं बीते एक वर्ष में पुलिस ने साइबर अपराधों के अलग-अलग मामलों में लोगो के करीब 10 लाख रुपये रिकवर कर वापस लौटाये हैं.
आपको बता दें यह पहला मौका नहीं है जब दुर्ग पुलिस इस तरह से जागरुकता अभियान चलाने जा रही है. इससे पहले बीते वर्ष 15 अगस्त में साइबर क्राइम के संबंध में जन जागरण फैलाने सेल्फी विथ साइबर संगी अभियान की शुरूवात की थी. जिसमें लोगो ने पुलिस के इस अभियान को सराहा था. साथ ही साइबर अपराधियों से बचने के संबंध में कई तरह की जानकारी प्राप्त की थी.