रायपुर। शनिवार को कांकेर में पत्रकार कमल शुक्ला पर हुए जानलेवा हमले की आग रायपुर राजधानी में पहुंच चुकी है। घटना से आक्रोशित पत्रकारों ने रविवार को प्रेस क्लब रायपुर के बाहर सांकेतिक विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस सरकार से कांकेर के जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के साथ-साथ मारपीट की घटना को अंजाम देने वाले गुंडों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। दूसरी तरफ इसी दौरान रायपुर के कांग्रेस कार्यालय में हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मामले में कहा कि घटना की मैं निंदा करता हूं, ऐसा नहीं होना चाहिए, दोषी जो भी हो उस पर कार्रवाई होगी।

इस दौरान मुख्यमंत्री को यह भी बताया गया कि कांग्रेस नेता गफ्फार मेमन ने थाना परिसर में लायसेंसी पिस्टल से गोली मारने की धमकी दी. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा इसकी जांच करवा लेते हैं, यदि ऐसा है तो और धाराएं बढ़ेंगी। उन्होंने पत्रकारों को आश्वस्त किया कि छत्तीसगढ़ में जल्द ही पत्रकार सुरक्षा कानून लागू होगा।

यह है मामला

दरअसल शनिवार को कांकेर के वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला पर जितेंद्र सिंह ठाकुर- पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष और वर्तमान नगरपालिका अध्यक्ष सरोज ठाकुर के पति, गफ्फार मेमन- काँकेर कांग्रेस विधायक, संसदीय सचिव शिशुपाल शोरी के प्रतिनिधि, शादाब खान- काँकेर के महादेव वार्ड से पार्षद, गणेश तिवारी -इंटक के महासचिव ने मारपीट की थी। हालांकि कांग्रेस का दावा है कि मारपीट करने वालों में कांग्रेस के लोग शामिल नहीं हैं। कमल शुक्ला ने बताया कि वो लगातार आरोपियों के भ्रष्टाचार को उजागर कर रहे थे।

रायपुर प्रेस क्लब कर चुका है निंदा

रायपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष दामु आंबेडारे ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह हाल फिलहाल की कोई इकलौती घटना नहीं है। आए दिन इस प्रकार की वारदातें पूरे प्रदेश में घटित हो रही हैं। एक पत्रकार के साथ अराजक तत्वों द्वारा मारपीट की शिकायत कर थाने से लौट रहे पत्रकारों पर राजनीतिक कार्यकर्ताओं द्वारा हमला यह निरूपित कर रहा है कि राज्य में चौथे स्तंभ की स्थिति चिंताजनक हो चुकी है। पत्रकारों के साथ उत्पीड़न की इस तरह की घटनाएं न हों, इस दिशा में तत्काल ठोस कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने राज्य में अभिलंब पत्रकार सुरक्षा कानून सख्ती के साथ लागू करने की मांग की है।