अमृतसर. जैसे-जैसे धान की बुआई का मौसम करीब आ रहा है, पंजाब सरकार ने भी इसकी तैयारियां तेज कर दी हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान स्वयं इस विषय को लेकर सतर्क हैं। हाल ही में लुधियाना दौरे के दौरान उन्होंने धान की खेती से जुड़ी योजनाओं की जानकारी दी और यह भी बताया कि कृषि विशेषज्ञों के अनुसार भूमिगत जलस्तर में गिरावट एक गंभीर चुनौती बन चुकी है।
पिछले वर्षों में आमतौर पर धान की रोपाई 15 से 20 जून के बीच शुरू होती थी, लेकिन किसानों की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए इस बार सरकार ने 1 जून से ही रोपाई की अनुमति देने का निर्णय लिया है। इसके लिए किसानों को बिजली और नहरों के पानी की उपलब्धता का पूरा कार्यक्रम भी जारी कर दिया गया है।
कृषि विशेषज्ञों और संबंधित संस्थाओं का मानना है कि अगर तय समय से लगभग 20 दिन पहले रोपाई शुरू कर दी जाए, तो भविष्य में राज्य के कई क्षेत्रों में भूजल संकट गहरा सकता है। इस पर मुख्यमंत्री मान ने कहा कि सरकार नई योजना के तहत काम कर रही है, जिससे आने वाले समय में जल संकट को कम किया जा सके और किसानों को केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित 18 प्रतिशत नमी की शर्त के कारण होने वाले नुकसानों से भी राहत मिले।

16 हजार कच्ची खालें फिर से शुरू की गईं
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बताया कि उनकी सरकार ने वर्षों से बंद पड़ी नहरों और कच्ची खालों की सफाई करवाकर लगभग 16 हजार खालों को फिर से चालू कर दिया है। इसका परिणाम यह हुआ कि नहरों का लगभग 55 से 60 प्रतिशत पानी खेतों की अंतिम सीमाओं तक पहुंचाया जा सका है।
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