रायपुर। प्रदेश में ही नहीं देश और दुनिया में तिलहन और दलहन फसल के लिए विख्यात बेमेतरा जिला की पहचान अब धान के रिकॉड उत्पादन में भी बन रहा है. पूरी तरह से कृषि आधारित अर्थव्यवस्था निर्भर बेमेतरा में किसानों के लिए बड़ी ताकत धान की खेती भी है यह कहा जा सकता है. क्योंकि प्रति क्विंटल धान पर 25 सौ रुपये मिलने के बाद किसान खेती-किसानी की ओर से फिर लौटे हैं. बड़ी संख्या में इस वर्ष किसानों ने धान की खेती की और उसका फायदा भी उन्हें हुआ है.
बीते वर्ष की तुलना में बेमेतरा जिला में धान खरीदी का एक रिकॉड बना है. बेमेतरा जिला प्रशासन से प्राप्त आंकड़ें के मुताबिक इस वर्ष 1 लाख 5 हजार 2 सौ 86 किसानों को पंजीकृत किया गया था. पंजीकृत किसानों से 4 लाख 96 हजार 92 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है. वहीं बीते वर्ष में यह आंकड़ा 91 हजार 2 सौ 45 पंजीकृत किसानों से 4 लाख 66 हजार 4 सौ 88 मीट्रिक टन था.
राज्य सरकार की ओर मिले निर्देशानुसार जिला प्रशासन की ओर अवैध धान के परिवहन और विक्रय को रोकने के लिए विशेष इंतज़ाम भी किए गए थे. इसके लिए खाद्य, राजस्व, वन और पुलिस विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों की टीम विशेष रूप से तैनात थी. 91 उपार्जन केंद्रों में जिला स्तर के अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया गया था. इसके साथ ही धनहा एप और कॉल सेंटर के जरिए किसानों की समस्या का निवारण करने की लिए भी टीम मौजूद थी.
प्रशासन की ओर से किए इन तमाम व्यवस्थाओं के बीच सुचारू रूप से जिले में धान खरीदी की व्यवस्था संपन्न हुई. जिले के किसानों को किसी तरह से कोई परेशानी न हो इसके लिए खरीदी केंद्रों में सारी व्यवस्थाएं की गई थी. बेमौसम बारिश से धान को बचाने का भी पर्याप्त इंतजाम किया गया था. यही वजह है कि जिले में भारी बारिश होने के बाद भी किसी तरह से कोई नुकसान न किसानों को हुआ और न ही सरकार को हुई है. खरीदी के बाद किसानों को भुगतान भी समय पर किया गया. समय-समय पर जिले के अधिकारियों के साथ मंत्रालय स्तर के अधिकारियों के दल भी खरीदी केंद्रों में जाकर निरीक्षण करते थे. कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, प्रभारी मंत्री अनिला भेड़िया किसानों के बीच जाकर व्यवस्थाओं की जानकारी लेते रहे.
बेमेतरा जिला कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे का गृह जिला भी है. लिहाजा इस जिले के किसानों की खुशहाली में प्रदेश के किसानों की खुशहाली छिपी है. लेकिन रिकॉ़ड धान खरीदी और 1 लाख से ऊपर पंजीकृत किसानों की संख्या से यह बताने के लिए पर्याप्त है जिले के किसान खेती की ओर लौटे हैं. किसानों ने राज्य सरकार पर भरोसा जताते हुए धान की खेती को मुनाफे की खेती में तब्दील किया है. 25 सौ रुपये का जो वादा सरकार ने किया था वह 2018-19 की खरीदी किसानों को मिला था वह इस वर्ष 2019-20 की खरीदी में भी किसानों को मिलने जा रहा है.
बेमेतरा जिला के किसानों की माने तो इस वर्ष बेहतर व्यवस्था से किसी तरह की कोई दिक्कत धान बेचने में नहीं हुई. अंधियारखोर निवासी सुरेश साहू का कहना है कि प्रशासन की ओर से की गई व्यवस्था से वे बेहद खुश हैं. उन्हें खरीदी केंद्र में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई. कुछ ऐसी ही बातें झाल निवासी सुखसागर साहू का कहना है कि सरकार ने धान खरीदी के लिए पर्याप्त समय दिया था. बेमौसम बारिश के दौरान किसानों को परेशानी न हो इस बात का ख्याल रखा गया था. बीते वर्ष भी 25 सौ रुपये प्रति क्विंटल पर हमने धान बेचा है, इस वर्ष भी सरकार ने वादा किया है 2500 रुपये मिलेगा. प्रशासन की ओर से समय-समय पर केंद्रों का निरीक्षण होते रहने से भी किसानों को राहत मिलती रही है. इससे खरीदी केंद्रों पर व्यवस्था बेहतर रही.
कन्हेरा निवासी भूपेन्द्र वर्मा धान खरीदी के सवाल मुस्कुराने लगते हैं. वे कहते हैं कि बीते कई वर्षों से खरीदी की व्यवस्थाओं को देख रहे हैं. लेकिन सच कहूँ तो अब व्यवस्था पहले की अपेक्षा काफी अच्छी हो गई है. खरीदी केंद्रों में अब पारदर्शिता है. सरकार ने व्यवस्थाओं को बेहतर करने के दिशा में काम किया है. प्रशासन के लगातार निगरानी से भी होने वाली छोटी-छोटी लापरवाहियाँ दूर हुई है. वहीं खंडसरा निवासी नरोत्तम जायसवाल का कहना है कि पहले खरीदी केंद्रों के रखरखाव से लेकर किसानों की बैठने, ठहरने जैसी कई तरह की अव्यवस्था देखने को मिलती थी, लेकिन अब जिला प्रशासन ने इन दिक्कतों को सरकार के निर्देश के अनुरूप बेहतर कर लिया है. किसानों को राहत देने की कोशिश सरकार की ओर से हुई है. इससे हम किसान बेहद खुश हैं.
बेमेतरा जिला प्रशासन की प्रशंसा की बात नहीं लेकिन यह तो सच है धान खरीदी को लेकर किसानों को किसी तरह से परेशानी न हो इस बात का ख्याल बेहतर तरीके से रखा गया है. जिले में बेमौसम बारिश के बाद भी किसानों को भी किसी तरह की परेशानी नहीं हुई और न कोई नुकसान शासन को हुआ. प्रशासन की ओर से समय पूर्व सारी व्यवस्थाओं ने जिले के किसानों को खुश कर दिया है. सरकारी नीतियों का परिणाम है कि दलहन और तिलहन के लिए प्रसिद्ध बेमेतरा जिला अब धान खरीदी के लिए भी अँचल में प्रसिद्ध हो रहा है.