जगदलपुर. बस्तर में हल्की बारिश होने से धान खरीदी इन दिनों प्रभावित हो चुकी है. खरीदी केंद्रों से सैकड़ों किसानों को वापस भेज दिया गया. शुरुआती दौर पर किसान केंद्र नहीं पहुंच रहे थे. काफी दिनों के बाद किसानों ने केंद्रों की तरफ रुख किया, लेकिन बस्तर में बदलते मौसम ने किसानों और केंद्रों की मुसीबत बढ़ा दी है.
दरअसल बस्तर में हफ्तेभर से बदली छाई हुई है और हल्की बारिश भी हुई है, जिससे खरीदी काफी प्रभावित हो चुकी है. वहीं किसान चाहते हैं कि बारिश से धान भीगने से पहले केंद्र पहुंचा दें, ताकि उनको किसी प्रकार से नुकसान ना झेलना पड़े. बीती रात हुई बारिश की वजह से कई खरीदी केंद्रों में धान भीगने की जानकारी भी मिल रही है. वहीं जिला सहकारी बैंक के अधिकारियों का कहना है कि बारिश से निपटने केंद्रों में पूरी तरीके से तैयारियां की जा चुकी है. बावजूद आज भानपुरी के लगभग 7 केंद्रों से किसानों को वापस लौटना पड़ा. कई किसान परेशान होकर नाराजगी भी जताई.
जमीन गीली होने से अभी बंद है खरीदी: मुख्य पर्यवेक्षक
किसानों का कहना है कि कई दिनों से हम लैम्प्स का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन प्रबंक द्वारा आजकल करते हुए हमको दौड़ाया जा रहा है. जिला सहकारी बैंक के मुख्य पर्यवेक्षक एस रजा का कहना है कि बारिश से जमीन गीली होने की वजह से अभी धान खरीदी नहीं की जा रही है, लेकिन आनन-फानन में लिए गए यह फैसले किसानों के लिए काफी मुसीबत खड़ी कर दी है. किसान अपने धान लेकर केंद्र पहुंच तो रहे हैं, लेकिन उन्हें केंद्र प्रबंधक वापस भेज दे रहे हैं, जिससे किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है.
व्यवस्था दुरुस्त तो धान क्यों नहीं ले रहे, उठे सवाल
अब सवाल यह उठ रहा कि जब बारिश से निपटने पूरी व्यवस्था दुरुस्त कर ली गई थी फिर किसानों के धान क्यों नहीं लिए जा रहे हैं. जमीन गीली है तो ताल पत्री बिछाकर किसानों के धान लिए जाने चाहिए. किसानों की सुविधा के लिए सरकार पूरी व्यवस्था करने का दावा करती है, लेकिन बस्तर के हालात कुछ और ही बयां कर रहे हैं. भानपुरी धान खरीदी केंद्र में कुल 16 सौ किसानों के रजिस्ट्रेशन हुए हैं, जिसमें अब तक 363 किसानों ने अपना धान बेच दिया है.
इन केंद्रों में नहीं हो रही धान खरीदी
केंद्र प्रभारी का कहना है कि कल अचानक हुई बारिश की वजह से आज खरीदी नहीं की जा रही है. सिर्फ एक लैम्प्स से ही 32 किसानों को वापस भेज दिया गया है. इसके अलावा भानपुरी के आसपास खरीदी केंद्रों का भी यही हाल है. मुंडागांव, चपका, केशरपाल, घोटिया, देवड़ा में भी धान की खरीदी नहीं हो रही है. लगभग सैकड़ों किसानों को निराश होकर खरीदी केंद्रों से वापस जाना पड़ रहा है.
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