रायपुर। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने प्रदेश में रविवार एक दिसम्बर से शुरू हो रहे धान खरीदी के लिए सभी जरूरी इंतजाम करने के निर्देश दिए है। उन्होने कहा है कि किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए। खरीदी केन्द्रों में पर्याप्त मात्रा में बारदाना उपलब्ध रहना चाहिए। राज्य सरकार द्वारा एक दिसम्बर रविवार के दिन से प्रदेश के सहकारी समितियों के माध्यम से धान खरीदी करने के निर्णय के अनुरूप आज से खरीदी शुरू हो रहा है।
राज्य के सभी जिलों में धान का उपार्जन छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) द्वारा एवं मक्का का उपार्जन छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा किया जाएगा। खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में धान की खरीदी विगत खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 में संचालित एक हजार 995 खरीदी केन्द्रों एवं खरीफ वर्ष 2019-20 में प्रारंभ किए गए 33 नवीन खरीदी केन्द्रों में की जाएगी। प्रदेश में 48 मंडियों एवं 76 उपमंडियों के प्रांगण का उपयोग विगत खरीफ विपणन वर्ष के अनुसार धान उपार्जन केन्द्र के लिए किया जाएगा।
वर्तमान खरीफ वर्ष 2019-20 में प्रदेश के 19 लाख 56 हजार किसानों ने पंजीयन करा लिया है, जो गत वर्ष पंजीकृत किसानों की संख्या 16 लाख 97 हजार से दो लाख 58 हजार ज्यादा है। राज्य शासन द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 के दौरान राज्य के किसानों से नगद व लिंकिंग में धान की खरीदी एक दिसम्बर से 15 फरवरी 2020 तक एवं समर्थन मूल्य पर किसानों से मक्का की खरीदी भी एक दिसम्बर 2019 से 31 मई 2020 तक की जाएगी। खरीफ वर्ष 2019-20 में प्रदेश के किसानों से धान खरीदी की अधिकतम सीमा 15 क्विंटल प्रति एकड़ लिंकिंग सहित निर्धारित की गई है। मक्का खरीदी की अधिकतम सीमा 10 क्विंटल प्रति एकड़ निर्धारित की गई है। खरीफ वर्ष 2019-20 में राज्य के किसानों से 85 लाख मैट्रिक टन धान एवं 5 हजार मैट्रिक टन मक्का का उपार्जन अनुमानित है। वर्ष 2019-20 में मक्का खरीदी की राशि का समस्त भुगतान धान खरीदी के समान ही किसानों के खाते में डिजिटल मोड से किया जाएगा।
प्रदेश में बीज उत्पादक किसानों का बीज, बीज निगम द्वारा उपार्जित करने के लिए बीज प्रमाणीकरण संस्था से धान बीज की शुद्धता एवं अंकुरण की जांच करायी जाती है। चंूकि परीक्षण कार्य में समय लगता है, इसलिए धान का समर्थन मूल्य पर चिन्हाकित खरीदी केन्द्रों में किसानों से बीज निगम से प्रमाण पत्र के आधार पर एक मार्च 2020 से 31 मई 2020 तक उपार्जन किया जाएगा।