कुमार इंदर, जबलपुर। भारत विश्व में सबसे ज्यादा धान उत्पादन करने वाला देश है। देश के 25 प्रतिशत से भी अधिक भाग में धान की पैदावार की जाती है। मगर धान की पैदावार ज्यादा होने की वजह से ही शायद इसके रख रखाव में भारी लापरवाही बरती जा रही है। इसी से जुड़ा एक मामला सामने आया है जहां मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में लगभग 8 हजार 475 मीट्रिक टन धान गायब हो गई है। इसकी कीमत करीब 16 करोड़ रूपए से अधिक बताई जा रही है।
वेयरहाउसिंग लॉजिस्टिक कार्पोरेशन जिला प्रबंधक एस आर निमोद ने बताया कि गुजरात की गो ग्रीन कम्पनी को दिया गया था धान के रखरखाव का ठेका दिया गया था। मामला सामने आने के बाद कंपनी के खिलाफ एफआईआर की तैयारी की जा रही है। दरअसल मध्य प्रदेश में अनाज भंडारण के लिए वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन एंड लॉजिस्टिक्स एक सरकारी संस्थान हैं। इस संस्थान की ही जिम्मेदारी है कि, अनाज का भंडारण और रखरखाव सही से हो सके।
मगर ठेका कंपनी अपनी जिम्मेदारी सही तरह से नहीं निभा रहे हैं जिसकी वजह से ओपन कैंप में रखी 8 हजार 475 मीट्रिक टन धान गायब हो गई है। जबलपुर के अलग अलग 7 जगहों पर खुले में धान रखी गई थी। 98 हजार मीट्रिक टन धान में से 8 हजार 475 मीट्रिक टन धान गायब हो गई है। वहीं करीब 500 मीट्रिक टन धान खुले में रखने की वजह से खराब हो गई है। बता दें कि साल 2021-2022 में गो ग्रीन कंपनी को रखरखाव का ठेका दिया गया था। अब जिम्मेदारों पर क्या कार्रवाई होती है यह तो देखने वाला विषय है। लेकिन मेहनत से उगाए गए और लोगों के हक के इस खराब धान की भरपाई कैसे होगी?
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