रायपुर। केन्द्र एवं राज्य शासन के महती योजना ‘पढऩा लिखना अभियान‘ के तहत रायपुर जिले को शत-प्रतिशत साक्षर बनाने के उद्देश्य से जिले को वर्ष 2020-21 में 10 हजार असाक्षरों को साक्षर करने का लक्ष्य मिला है, जिसमे 7500 महिला व 2500 पुरुष शामिल है.

भारत सरकार शिक्षा मंत्रालय की स्कूल शिक्षा साक्षरता विभाग की सचिव अनीता करवल की अध्यक्षता में परियोजना अनुमोदन बोर्ड पीएबी की आनलाइन बैठक हुई. इसमें पूरे देश के शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव सचिव व निदेशकों ने अपने-अपने राज्यों के पढ़ना लिखना अभियान की वार्षिक कार्य योजना प्रस्तुत किया. छत्तीसगढ़ राज्य की ओर से राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के संचालक व सदस्य सचिव डी राहुल वेंकट ने पढ़ना लिखना अभियान की कार्ययोजना प्रस्तुत की गई.

योजना के तहत जिले के 15 वर्ष एवं इससे अधिक वर्ष के असाक्षरों का चिन्हांकन सर्वे के माध्यम से किया जाएगा. तत्पश्चात स्वयं सेवी अनुदेशकों के द्वारा इनको 4 माह के अवधि में 120 घंटों का शिक्षण दिया जाएगा. जिसमें शिक्षार्थी को पढ़ने तथा किसी लिखित पढ़ाई को समझने के योग्य बनाया जाएगा. योजना के क्रियान्वयन ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में किया जाएगा. शिक्षार्थी को बुनियादी साक्षरता मूल्यांकन परीक्षा के आधार पर प्रत्येक सफल शिक्षार्थी को एक प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा.

कार्यक्रम के संचालन के लिए जिला स्तर पर प्रशासी समिति, कार्यकारी समिति एवं जिला साक्षरता केन्द्र का गठन किया गया है. प्रशासी समिति में अध्यक्ष-प्रभारी मंत्री, सदस्य-सांसद, समस्त विधायक एवं अध्यक्ष जिला पंचायत तथा जिला कलेक्टर सचिव के रूप में कार्य करेंगे. कलेक्टर की अध्यक्षता में कार्यकारी समिति का गठन किया गया, जिसमें उपाध्यक्ष- मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, सचिव-जिला शिक्षा अधिकारी, विभिन्न विभागों के विभाग प्रमुख, शिक्षाविद, सीएसआर प्रतिनिधि स्वयंसेवी संस्था, रोटरी क्लब के प्रतिनिधि शामिल है.

डाईट में जिला साक्षरता केन्द्र होगा, जिसके अध्यक्ष-जिला शिक्षा अधिकारी, सचिव-प्राचार्य डाइट एवं सदस्य गण शामिल होंगे, केन्द्र का मुख्य उद्देश्य वरिष्ठ स्कूली छात्रों सहित स्वैच्छिक शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान करना होगा. विकासखण्डों एवं नगरीय निकायों में भी कमेटियां होंगी जो पढऩा-लिखना अभियान को क्रियान्वित करेंगी. इस अभियान में सिविल सोसायटी, गैर सरकारी संगठन, कार्पोरेट सोशल सेक्टर जिन्हें साक्षरता परियोजना में कार्य करने का अनुभव हो उनका भी इस कार्य में सहयोग लिया जा सकता है. इसके लिए जिले के समस्त विकासखण्डों में क्रियान्वयन हेतु कमेटियों के गठन के साथ सर्वेक्षण का कार्य भी प्रारंभ किया जा रहा है.