हेमंत शर्मा, इंदौर। Padma Awards 2025: गणतंत्र दिवस (Republic Day) से पहले घोषित पद्म पुरस्कारों में इस साल मध्यप्रदेश (MP) की पांच हस्तियों को पद्मश्री (Padma Shri) से सम्मानित किया जाएगा। इनमें इंदौर जिले के महू के निर्गुण गायक भैरू सिंह चौहान, निमाड़ी साहित्यकार जगदीश जोशी, महेश्वरी साड़ी को नया आयाम देने वाली शैली होल्कर, चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञ डॉ. बुधेंद्र कुमार जैन और कला के क्षेत्र से हरचंदन सिंह भट्टी शामिल हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी को बधाई दी है। साथ ही केंद्र सरकार का आभार जताया है।
अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य कर प्रदेश के नाम को गौरवान्वित किया
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा, “भेरूसिंह चौहान (कला), बुधेन्द्र कुमार जैन (चिकित्सा), हरचंदन सिंह भट्टी (कला), जगदीश जोशिला (साहित्य एवं शिक्षा) और सैली होल्कर (व्यापार एवं उद्योग) ने अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य कर प्रदेश के नाम को गौरवान्वित किया है।”
सेवा का सच्चा सम्मान
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने केन्द्र सरकार द्वारा मध्यप्रदेश की पांच प्रतिष्ठित विभूतियों को पद्मश्री सम्मान प्रदान करने की घोषणा पर आभार जताया है। सीएम ने कहा कि यह अत्यन्त गर्व का क्षण है। मध्यप्रदेश की विभूतियों का पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया जाना उनकी कड़ी मेहनत और अपने कार्यक्षेत्र में की गई सेवा का सच्चा सम्मान है। मुख्यमंत्री ने सम्मानित होने वाली सभी विभूतियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
विभूतियों का योगदान आगे भी महत्त्वपूर्ण साबित होगा
सीएम ने आगे कहा, “यह सम्मान न केवल इन व्यक्तियों की उपलब्धियों को रेखांकित करता है, बल्कि समाज को प्रेरणा भी प्रदान करता है। उन्होंने विश्वास जताया कि देश और प्रदेश के विकास में इन विभूतियों का योगदान आगे भी महत्त्वपूर्ण साबित होगा।”
भैरू सिंह चौहान: कबीर वाणी के प्रचारक
महू के ग्राम बजरंगपुरा निवासी भैरू सिंह चौहान पारंपरिक निर्गुण भजन गायन में माहिर हैं। उन्होंने संत कबीर, गोरखनाथ, दादू और मीराबाई जैसे संतों की रचनाओं को अपनी आवाज से जीवंत किया। भैरू सिंह को यह कला उनके पिता से विरासत में मिली, जो स्वयं भी लोक गायक थे।
शैली होल्कर: महिलाओं को दी नई दिशा
महेश्वर की शैली होल्कर ने महेश्वरी साड़ियों को देश और दुनिया में पहचान दिलाई। उन्होंने बुनकरों के लिए एक विशेष पहल करते हुए रोजगार के नए अवसर तैयार किए। उनकी परियोजनाओं से 250 से अधिक महिलाओं को आत्मनिर्भरता मिली है।
जगदीश जोशी: निमाड़ी साहित्य के स्तंभ
निमाड़ क्षेत्र के साहित्यकार जगदीश जोशी ने निमाड़ी भाषा और साहित्य को एक नई ऊंचाई दी है। उनकी 60 से अधिक किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें “देवीश्री अहिल्याबाई” और “जननायक टंट्या मामा” जैसे उपन्यास खासे लोकप्रिय हैं।
डॉ. बी.के. जैन: चिकित्सा के क्षेत्र में सेवा
सतना जिले के चित्रकूट में नेत्र चिकित्सालय के निदेशक डॉ. बी.के. जैन को चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने सैकड़ों मरीजों को उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराईं।
हरचंदन सिंह भट्टी: कला में योगदान
हरचंदन सिंह भट्टी को उनकी कला और सांस्कृतिक योगदान के लिए पद्मश्री प्रदान किया जाएगा। उन्होंने अपने काम से समाज में कला को एक नई पहचान दी है।
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