Padmashree Prof. Ramdarsh Mishra Passes Away: वरिष्ठ कवि, आलोचक और उपन्यासकार, पद्मश्री प्रो. रामदरश मिश्र का निधन हो गया। वे सक्रिय जीवन जीते हुए 101 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले ऐसे विरल साहित्य योद्धा थे। जिन्होंने अपनी लंबी साहित्यिक यात्रा बिना किसी खेमेबाजी के अपने बलबूते सम्मानजनक ढंग से पूरी की। पीएम नरेंद्र मोदी ने मिश्र के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित की है।
भोजपुरी साहित्य के लिए अपूरणीय क्षति
पीएम मोदी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि जाने-माने साहित्यकार और शिक्षाविद रामदरश मिश्र के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनका जाना हिंदी और भोजपुरी साहित्य के लिए अपूरणीय क्षति है। अपनी लोकप्रिय रचनाओं के लिए वे सदैव याद किए जाएंगे। शोक की इस घड़ी में उनके परिजनों और प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। ओम शांति!
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डुमरी गांव में हुआ था जन्म
पद्मश्री प्रो. रामदरश मिश्र का जन्म 15 अगस्त1924 में गोरखपुर (उ.प्र.) के कछारांचल के डुमरी गांव में हुआ था। डॉ. रामदरश की रचनाओं में उनके गांव की सोंधी मिट्टी की महक रची बसी है। उच्च शिक्षा बनारस से पूर्ण करने के बाद महाराष्ट्र, गुजरात के विश्व विद्यालयों से होते हुए 1964 में दिल्ली विश्व विद्यालय में प्रोफेसर हुए और वहीं बस गए।
हिंदी साहित्य में कवि , कथाकार , उपन्यासकार, संस्मरण लेखक और समालोचक के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त करने वाले प्रो. मिश्र अनेक प्रतिष्ठित सम्मान और पुरस्कारों से नवाजे गए। जनवरी 1925 में उन्हें भारत सरकार ने पद्मश्री सम्मान प्रदान किया ।
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