अमित पाण्डेय, खैरागढ़। छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ विधानसभा से दिवंगत राजा देवव्रत सिंह की पहली पत्नी पद्मा सिंह ने अपनी ताल ठोंक दी है. अपने समर्थकों के साथ खैरागढ़ ब्लाक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष को अपना आवेदन दिया है. वहीं टिकट की चाह रखने वालों की धड़कनें पदमा सिंह की दावेदारी से तेज हो चली है.
दिवंगत राजा देवव्रत सिंह की पहली पत्नी पद्मा देवी सिंह को 2007 के उपचुनाव के बाद से कौन नहीं जानता है ? पद्मा देवी किसी के पहचान की मोहताज नहीं है. शहर से लेकर ग्रामीण वनांचल तक इन्हें आज भी आदर और सम्मान दिया जाता है. जब रमन सिंह सत्ता में काबिज थे, उस वक्त पद्मा देवी ने उपचुनाव में अपना दमखम दिखाते हुए पूरी ताकत झोंकी थी, लेकिन बीजेपी के कोमल जंघेल से हार गई थीं.
फिलहाल वर्तमान परिवेश में पूर्व विधायक दिवंगत राजा देवव्रत सिहं के आकस्मिक निधन के बाद खैरागढ़ विधानसभा की राजनीति में मानो ग्रहण सा ही लग गया. पद्मा देवी और उनके दोनों बच्चों को न्याय दिलाने जिस तरह से खैरागढ़ नगर से लेकर , शाल्हेवारा , गंडई , छुईखदान के शहरी एवं ग्रामीण वनांचल के लोगों में जिस तरह से आक्रोश दिखाई पड़ा था.
वहीं इनके समर्थकों ने उदयपुर के पैलेस में रानी – राजा को न्याय दिलाने हंगामा भी खड़ा कर दिया था. इससे ये बात तो स्पष्ट हो गया है कि रानी पद्मा देवी के समर्थकों की संख्या अनगिनत है.
बता दें कि खैरागढ़ कांग्रेस आज जिस तरह से कमजोर है, उसका प्रमुख कारण यदि है, तो यहां के नेताओं के द्वारा अपने राजा के साथ अपने समस्त दिग्गज कार्यकर्ता सहित नेताओं का दूसरी पार्टी में चले जाना, जिसके बाद कांग्रेस पार्टी में दमखम दिखाने वाला एवं नेतृर्त्व कर्ता की कमी सी हो गयी थी. अब राजा के न होने पर ये सभी अपने रानी के पक्ष में खड़े हो चले हैं.
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