रायपुर. पद्मिनी एकादशी व्रत अधिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि यानी 29 जुलाई 2023 के दिन रखा जाएगा. यह व्रत तीन साल में एक बार रखा जाता है. इसलिए पुरुषोत्तम मास में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पद्मिनी एकादशी व्रत रखने से साधक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है. पंचांग के अनुसार, इस विशेष दिन पर दो अत्यंत शुभ योग का निर्माण हो रहा है, जिसमें पूजा-पाठ का विशेष महत्व है.
भक्तों को ब्रह्म योग और इंद्र योग में पूजा का सौभाग्य प्राप्त होगा. ब्रह्म योग सुबह 09 बजकर 34 मिनट तक रहेगा और इसके तुरंत बाद इंद्र योग की शुरुआत हो जाएगी. ज्योतिष शास्त्र में इन दोनों मुहूर्त को अत्यंत शुभ बताया गया है.
पद्मिनी एकादशी पूजा विधि
एकादशी व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान-ध्यान करें और पीले रंग का वस्त्र धारण करें. इसके बाद पूजास्थल की अच्छे साफ-सफाई करें और स्थान पर गंगाजल का छिड़काव करें।ऐसा करने के बाद भगवान विष्णु की विधिवत उपासना करें और उन्हें गंध-पुष्प, धूप-दीप, तुलसी, चंदन, मिष्ठान उत्यादी अर्पित करें।इसके बाद भगवान विष्णु के स्तोत्र का पाठ करें और व्रत का पाठन या श्रवण करें।अंत में भगवान विष्णु की आरती के बाद पूजा सम्पन्न करें.
पद्मिनी एकादशी- भगवान विष्णु मंत्र
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
ॐ विष्णवे नम:
ॐ हूं विष्णवे नम:
ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।
श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
ॐ अं वासुदेवाय नम:
ॐ आं संकर्षणाय नम: