पुरुषोत्तम पात्र, गरियबंद. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर घर तिरंगा फहराने के अभियान को बुलंद करते हुए रायपुर से राजधानी दिल्ली के लिए पदयात्रा पर निकले कृष्ण कुमार सैनी अपनी छठवें दिन जबलपुर पहुंच गए हैं. उन्होंने लल्लूराम डॉट कॉम को फोन पर जानकारी देते हुए बताया कि वे बेमेतरा कवर्धा चिल्फी घाटी और मंडला को पार करते हुए छठे पड़ाव में जबलपुर पहुंचे हैं. पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और चंद्रशेखर साहू ने उन्हें 5 अगस्त दोपहर 2 बजे भारत माता चौक रायपुर से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था.

सैनी ने बताया कि, उनकी पदयात्रा 1150 किमी की है. जिसे उन्हें 16 दिन में पूरा करने का लक्ष्य रखा है. वे 5 दिन में तकरीबन 350 किमी का सफर तय कर चुके हैं. उन्होंने प्रतिदिन 70 से 75 किमी की पदयात्रा का टारगेट रखा है. 21 अगस्त को दिल्ली के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीदों को नमन कर अपनी पदयात्रा संपन्न करेंगे. गुलामी की दुनिया का सबसे बड़ा अभिशाप और आजादी को सबसे बड़ा वरदान मानने वाले सैनी को पदयात्रा के दौरान रास्ते में लोगों का भरपूर सहयोग मिल रहा है. बीच रास्ते में पड़ने वाले गांवों में भी लोगों की जोरदार प्रतिक्रिया मिल रही है.

सैनी ने ये भी कहा कि, वे अपने स्वतंत्रता सेनानियों के आभारी हैं, जिनकी बदौलत भारत आजाद हुआ और आज देशवासी खुली हवा में सांस ले पा रहे हैं. देशवासी अपने स्वतंत्रता सेनानियों का कर्ज ताउम्र नहीं उतार पाएंगे.देशवासी स्वतंत्रता सेनानियों के कर्जदार हैं और हमेशा रहेगा.

आगे उन्होंने कहा कि, देश स्वतंत्रता की 75वी वर्षगांठ मना रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे ऐतिहासिक बनाने के लिए इस वर्ष को आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में मनाने का फैसला लिया है. इसके अलावा देशवासियों को 13 से 15 अगस्त तक अपने घरों पर तिरंगा फहराने का आह्वान भी की किया. प्रधानमंत्री के इसी आह्वान को जन-जन तक पहुंचाने के लिए वे पदयात्रा पर निकले हैं. सैनी ने बताया कि उन्होंने अपनी पदयात्रा 5 अगस्त को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के भारत माता चौक से प्रारंभ की थी. जो 21 अगस्त को दिल्ली के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीद को नमन कर संपन्न होगी. उनकी पदयात्रा कुल 1150 किमी की होगी, जिसे उन्होंने 16 दिन में पूरा करने का लक्ष्य रखा है. वे प्रतिदिन 70 से 75 किमी का सफर तय करते हैं.

रायपुर जिला निवासी कृष्ण कुमार सैनी ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि, उन्होंने तीन महीने में तीन पदयात्राएं करने का लक्ष्य रखा है. दो पदयात्राएं वह कर चुके हैं और अब वे अपनी तीसरी पदयात्रा पर निकले हैं. उन्होंने बताया कि 12-13 जून को उन्होंने राजिम महामाया मंदिर से डोंगरगढ़ बम्लेश्वरी माता मंदिर तक नॉनस्टॉप 140 किमी की पदयात्रा 26 घंटे 44 में पूरी की है. वहीं दूसरी पदयात्रा 1 जुलाई को माता कौशल्या मंदिर चंदखुरी से शुरू कर 11 जुलाई को जगन्नाथ धाम पुरी पहुंचकर संपन्न की. इस दौरान उन्होंने 10 दिन में 600 किमी की दूरी तय की. उनकी दोनों पदयात्राएं इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज हैं. उनकी तीसरी पदयात्रा लगभग 1150 किमी की है, जिसे उन्होंने 16 दिन में पूरा करने का लक्ष्य रखा है.