प्रतीक चौहान. रायपुर. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के डीआईजी आज सरप्राइज चेकिंग में रायपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे. यहां कमर्शियल विभाग के काम को खुद आरपीएफ अधिकारियों ने किया, जबकि उनके साथ इस काम में कोई भी कमर्शियल स्टॉफ नहीं था. अब सूत्रों का कहना है कि उन्हें दुकान बंद करने के मौखिक आदेश दिए गए है और अब ये पूरा मामला कमर्शियल और आरपीएफ के बीच विवाद का जड़ बन गया है. सूत्र बताते है कि दुकानदार को ओवरचर्जिंग के आरोप में थाने लाया गया, वहीं दुकान के बाहर डस्टबीन में पॉलिथीन न होने के कारण भी थाने लाकर बैठा दिया गया है. अब सवाल ये है कि आरपीएफ के पास कौन सी धारा है, जिसके तहत उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी ? सूत्र बताते है कि आरपीएफ की इस दखलअंदाजी की जानकारी उच्च अधिकारियों को दे दी है.वहीं डीआईजी के नेतृत्व में आरपीएफ ने रेलवे स्टेशन के लाइसेंसी मोची को भी थाने में बैठाया है, हालांकि ये स्पष्ट नहीं हो सका है कि उन्हें किस कारण से बैठाया गया है. लल्लूराम ने कुछ आरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों से ये जानने की कोशिश की कि यदि रेलवे स्टेशन में दुकानदार ने डस्टबीन में पॉलिथीन नहीं लगाया हो तो आरपीएफ की कौन सी धारा उस पर लगाई जा सकती है ? तो उनका कहना था कि गंदी करने और न्यूज सेंस की धारा लगाई जा सकती है, लेकिन सवाल ये है कि न तो उक्त वेंडर ने गंदगी की और न न्यूज सेंस. रायपुर रेलवे स्टेशन के कुछ वेंडर अब ये भी पूछ रहे है कि यदि रेलवे स्टेशन में कचरा नहीं उठता, डस्टबीन में पॉलीथिन नहीं होगी और रेलवे स्टेशन में कही भी गंदगी होती है तो इस मामले में जोन के अफसर आरपीएफ पोस्ट के अधिकारी को ‘स्लेक सुपरवीजिन’ मानकर चार्जशीट तो नहीं देंगे ?