PahalgamTerroristAttack पटना। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत की मौत हो गई। इस हमले में सबसे ज्यादा जान गंवाने वाले लोगों में महाराष्ट्र से हैं। महाराष्ट्र के 6 पर्यटकों की मौत हुई है। वहीं गुजरात-कर्नाटक के 3-3 लोगों को मौत हुई है। वहीं छत्तीसगढ़ के कारोबारी दिनेश मिरानिया की भी गोली मारकर हत्या कर दी। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, ओडिशा,बिहार केरल, चंडीगढ़, कर्नाटक और अरुणाचल प्रदेश से भी लोग मारे गए हैं। इस घटना के बाद विपक्ष ने भी सरकार को हर संभव मदद की बात कही।

दोनों सदनों का विशेष सत्र यथाशीघ्र बुलाया जाए

कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए क्रूर आतंकवादी हमले से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए सामूहिक इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करने हेतु संसद के (special session of parliament news) दोनों सदनों का विशेष सत्र यथाशीघ्र बुलाया जाए।

हम आतंकवाद के खिलाफ हमेशा एकजुट

वहीं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने (bihar special session of parliament ) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि संसद के दोनों सदनों का विशेष सत्र जल्द से जल्द बुलाया जाए। पत्र में कहा गया है, “इस महत्वपूर्ण समय में भारत को यह दिखाना चाहिए कि हम आतंकवाद के खिलाफ हमेशा एकजुट हैं।”

विशेष सत्र बुलाने और चर्चा कराने की मांग की

कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, “हमने कई विपक्षी दलों से बातचीत की और उसके बाद ही लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पहलगाम आतंकी हमले पर विशेष सत्र बुलाने और चर्चा कराने की मांग की। इसका उद्देश्य दुनिया को यह सामूहिक संकल्प दिखाना है कि हम एक हैं। यह एकता का समय है, ध्रुवीकरण का नहीं। मौजूदा हालात को देखते हुए एकता और एकजुटता जरूरी है। एकता और सामूहिक संकल्प दिखाने के लिए राज्यसभा और लोकसभा के विशेष सत्र बुलाए जाने चाहिए। हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री संसद का विशेष सत्र बुलाएंगे और उसमें मौजूद रहेंगे…

हमारी जीवंतता के लिए ये बहुत जरूरी

वहीं पटना में RJD सांसद मनोज झा ने कहा, “कल ही हमने मांग की, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, CPI, सभी ने की, किसी भी देश के इतिहास में ऐसे क्षण आते हैं जब पूरी संसद एक स्वर में बोलती है तो दुनिया के देशों तक संदेश पहुंचता है। आज वह समय आ गया है…देश के लोकतंत्र और हमारी जीवंतता के लिए ये बहुत जरूरी है।”