प्रेंग्नेंसी के समय अधिक तनाव लेने से प्रीमैच्योर डिलवरी हो सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे हालात यूक्रेन में बने है. युध्द के कारण वहां ऐसी स्थिति बन गई है कि महिलाओं की प्रीमैच्योर डिलवरी हो रही है और मां के शरीर में दूध बनना बंद हो गया है.

यूक्रेन. रुस यूक्रेन में चल रहे युध्द का परिणाम वहां बनने वाली माताओं को भुगतना पड़ रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक युध्द के समय यूक्रेन में ढाई लाख गर्भवती महिलाएं थी जिनमें अगलें तीन महीने में 80 हजार महिलाओं की डिलवरी होनी है.

मानसिक तनाव से जूझती गर्भवती महिलाएं

यूक्रेन के कुछ शहरों में बिजली, पानी और मेडिकल की सुविधाएं शून्य हो चुकी है. गर्भवती महिलाओं को मैटरनिटी होम्स में रखा गया है, दर्द में चीख चिल्ला रही है. यहां के हालात देख वे सभी तनाव में है. कुछ जो युध्द क्षेत्र से बाहर निकल गई है वे भी तनाव में है. लगातार हमलें के कारण कुछ गर्भवती महिलाओं को वहां ठंडे जर्जर बेसमेंट, भीड़भार वाली जगह बस स्टेशन पर रखा जा रहा है, तनाव के कारण प्रीमैच्योर डिलवरी हो जा रही है और मां के शरीर में दूध नहीं बन रहा है.

pregnancy

यूक्रेन में दवाईयों की कमी

जानकारी के मुताबिक यूक्रेन में बच्चों की डिलवरी के दौरान इस्तेमाल होने वाली दवाईयों की कमी है जिसके कारण बच्चें या म़ां की मौतों में बढ़ोत्तरी हो सकती है. इतना ही नही डिलीवरी के दौरान जो भी उपकरण इस्तेमाल किए जाते है उन उपकरणों की भी कमी है.

A premature baby in the hospital

प्रीमैच्योर डिलवरी से बच्चें पर पड़ेगा असर

इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ गाइनकोलॉजी एंड ऑब्सटेट्रिक्स की अध्यक्ष डॉ जीन कॉनरी के मुताबिक इस हालात में पैदा हुए बच्चें जन्म के बाद हाई बल्ड प्रेशर या डायबिटिज के शिकार हो सकते है. इसके अलावा बच्चों को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है. पाचन संबंधी समस्याएं होने की भी आशंका है.

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