Pak PM Shahbaz Sharif threaten India: ऑपरेशन सिंदूर में भारत से बुरी तरह पिटने के बाद भी पाकिस्तान पीएम शहबाज शरीफ अपनी शर्मनाक हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। शहबाज शरीफ ने एक बार फिर से भारत को गीदड़भभकी दी है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने पहलगाम आतंकवादी हमले को ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ करार देते हुए कहा कि पाकिस्तान और भारत के बीच युद्ध की स्थिति ‘‘बहुत खतरनाक मोड़’’ ले सकती थी। पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने दावा किया कि पाकिस्तान ने हमले की निष्पक्ष जांच की पेशकश की थी। भारत ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था।
शहबाज ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के मुजफ्फराबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘पहलगाम की घटना दुर्भाग्यपूर्ण थी, लेकिन दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति किसी भी समय बहुत खतरनाक मोड़ ले सकती थी। इस कार्यक्रम में उन्होंने सैन्य संघर्ष के दौरान मारे गए नागरिकों के परिजनों और घायलों को मुआवजे के चेक वितरित किए।
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1971 में मिली हार का बदला लिया
शहबाज ने दावा किया कि पाकिस्तान ने 1971 के युद्ध की हार का बदला ले लिया है। भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में हुए युद्ध के परिणामस्वरूप पाकिस्तान का विभाजन हुआ और बांग्लादेश के रूप में नया देश बना, जिसे पहले पूर्वी पाकिस्तान के नाम से जाना जाता था। प्रधानमंत्री ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तानी सेना ने केवल सैन्य प्रतिष्ठानों को ही निशाना बनाया।
आसिम मुनीर को बनाया फील्ड मार्शल
एक दिन पहले ही शहबाज शरीफ ने सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल के तौर पर पदोन्नत करने का फैसला किया था। जनरल मुनीर को पदोन्नत करने का फैसला प्रधानमंत्री शहबाज की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया था। जनरल अयूब खान के बाद मुनीर पाकिस्तान में सर्वोच्च सैन्य रैंक पर पदोन्नत होने वाले पहले आर्मी जनरल हैं। जनरल खान को 1959 में फील्ड मार्शल बनाया गया था।
बता दें कि 22 अप्रैल 2025 को हुए पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारत ने 6 मई,2025 की देर रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकवादी ढांचे नष्ट कर दिए थे।
भारत की कार्रवाई के बाद, पाकिस्तान ने आठ, नौ और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की थी। भारतीय सेना ने इसके बाद पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों पर जवाबी कार्रवाई की थी। दोनों पक्ष के बीच चार दिनों के संघर्ष के बाद 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनी थी।
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