नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के कुछ दिनों बाद पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने अपने दो-राष्ट्र सिद्धांत को दोहराते हुए कहा कि मुसलमान “सभी पहलुओं” में हिंदुओं से अलग हैं. उन्होंने आगे कहा कि सिंधु जल संधि निलंबन सहित हमले के प्रतिशोध में केंद्र सरकार द्वारा की गई कई कार्रवाइयों के बीच राष्ट्र जानता है कि खुद को कैसे “बचाया” जाए.

मुनीर ने शनिवार को खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में पाकिस्तान सैन्य अकादमी (पीएमए) परेड को संबोधित करते हुए कहा, “दो-राष्ट्र सिद्धांत इस मौलिक विश्वास पर आधारित था कि मुसलमान और हिंदू दो अलग-अलग राष्ट्र हैं, एक नहीं. मुसलमान जीवन के सभी पहलुओं – धर्म, रीति-रिवाज, परंपरा, सोच और आकांक्षाओं में हिंदुओं से अलग हैं.”

उन्होंने कहा, “हमारे पूर्वजों ने पाकिस्तान के निर्माण के लिए बहुत बलिदान दिया. हम जानते हैं कि इसका बचाव कैसे करना है.” 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध तेजी से बिगड़ गए.

अपनी शुरुआती प्रतिक्रिया में भारत ने पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंध तोड़ लिए और इस्लामाबाद पर हमले में शामिल होने का आरोप लगाया. विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह हमला “केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव के सफल आयोजन और आर्थिक विकास की दिशा में इसकी निरंतर प्रगति के मद्देनजर” हुआ.

हालांकि, पाकिस्तान ने इस हमले से खुद को अलग करते हुए कहा कि नरसंहार में उसकी “कोई संलिप्तता” नहीं है, इसके बजाय इसे “हिंदुत्व शासन” के खिलाफ “घरेलू” विद्रोह बताया.

इसके पहले मुनीर ने 16 अप्रैल को कहा था कि हिंदू और मुसलमान अलग-अलग राष्ट्र हैं और उन्होंने उपस्थित लोगों को पाकिस्तान के निर्माण की कहानी अपने बच्चों के साथ साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने कश्मीर को पाकिस्तान की “गले की नस” भी कहा था, जिसकी भारत ने कड़ी निंदा की थी.

उन्होंने कहा था, “हमारा रुख बहुत स्पष्ट है, यह हमारी गले की नस थी, यह हमारी गले की नस रहेगी और हम इसे नहीं भूलेंगे. हम अपने कश्मीरी भाइयों को उनके वीरतापूर्ण संघर्ष में नहीं छोड़ेंगे.” भारत ने लगातार कहा है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख “हमेशा देश का अभिन्न अंग थे, हैं और रहेंगे”.