इस्लामाबाद। पाकिस्तान की एक अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी को अवैध विवाह के आरोपों से बरी कर दिया है. इसके पहले फरवरी महीने में पाकिस्तान के चुनाव से कुछ दिन अदालत ने 2018 में इमरान खान की बुशरा बीबी के साथ हुई शादी को इस्लामी कानून का उल्लंघन करार देते हुए सात साल की जेल की सजा सुनाई थी.

अदालत के फैसले के खिलाफ इमरान खान की ओर से याचिका दायर की गई थी, जिस पर जून महीने में हुई सुनवाई में अदालत ने फरवरी के फैसले को निलंबित करने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया था. लेकिन शनिवार को इस्लामाबाद की एक अदालत ने कहा कि “इमरान खान और बुशरा बीबी दोनों की अपील स्वीकार की जाती है”.

खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी जुल्फी बुखारी ने अल जजीरा को बताया कि आरोपों को “खारिज” कर दिया गया है, जबकि खान के वकील नईम पंजुथा ने एक्स पर पोस्ट किया कि दंपति “बरी” हो गए हैं. हालांकि, इमरान खान अभी भी सलाखों के पीछे हैं, क्योंकि इस सप्ताह एक अदालत ने मई 2023 में अपने समर्थकों द्वारा दंगे भड़काने के आरोपों पर उनकी जमानत रद्द कर दी है.

वकील इन्तजार हुसैन पंजुथा ने न्यूज चैनल को बताया कि खान को “आज [शनिवार] बरी किए जाने के बावजूद रिहा नहीं किया जाएगा”. उनकी पार्टी की कानूनी टीम ने बताया कि इस सप्ताह लाहौर की एक आतंकवाद निरोधी अदालत ने पिछले साल के दंगों से संबंधित एक मामले में खान की गिरफ्तारी को मंजूरी दे दी. अदालत ने मंगलवार को अशांति में उनकी कथित भूमिका की जांच जारी होने की बात कहते हुए इमरान खान को जमानत देने से इनकार कर दिया था, इस तथ्य के बावजूद कि उस समय वह सलाखों के पीछे थे.