दिल्ली। पाकिस्तान के सिंध प्रांत की एक अदालत के
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गुलाम अली कनासरो ने फैसला सुनाते हुए हिंदू लड़की के जबरन निकाह को अवैध करार दिया है।
जज ने कहा कि हिंदू लड़की महक नाबालिग है, इसलिए इस शादी को माना नहीं जा सकता। हालांकि सुनवाई के दौरान दावा किया गया कि महक ने अपनी मर्जी से इस्लाम धर्म अपनाया है, जिसके बाद उसने अपनी इच्छा से शादी की। जज ने सबूतों और दस्तावेजों का हवाला देते हुए कहा कि महक नाबालिग है और सिंध बाल विवाह निरोधक कानून के तहत शादी के लायक नहीं थी। उन्होंने लरकाना के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे बाल विवाह कराने में शामिल सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें।

बता दें कि कक्षा नौवीं की छात्रा महक का 15 जनवरी को सिंध प्रांत के जकोबाबाद जिले से अली रजा सोलंगी नाम के शख्स ने अपहरण कर लिया था और बाद में जबरन धर्म परिवर्तन कर उससे शादी कर ली थी। महक के पिता के एफआईआर दर्ज कराने के बाद यह मामला सामने आया था। पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों का जबरन निकाह कराना आम बात हो गई है।