Pakistan On Jammu & Kashmir in UNSC: एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत ने पाकिस्तान की घोर बेइज्जती की है। यूएन सुरक्षा परिषद (UNSC) में पाकिस्तान ने अमन और शांति का जिक्र करते हुए जम्मू-कश्मीर पर दावा ठोकने की कोशिश की। मगर, हर बार की तरह इस बार भी भारत ने पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र में जमकर लताड़ लगाई। संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत हरीश परवथानेनी ने दो टूक शब्दों में कहा, “जम्मू कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग हैं। वहीं भारत की लताड़ लगाने के बाद पाकिस्तान यूनाइटेड नेशन में बिलबिला उठा। पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय स्तर का विवादित क्षेत्र बताया।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में एक बार फिर पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को उठाते हुए भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाए हैं। पाकिस्तान ने UNSC के मंच से कश्मीर को लेकर पुराना राग अलापा। UNSC में पाकिस्तान मिशन काउंसलर और पॉलिटिकल कोऑर्डिनेटर गुल कैसर सरवानी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त विवादित क्षेत्र है।

सरवानी ने अपने बयान में कहा कि कश्मीर भारत का हिस्सा कभी नहीं रहा और न ही कभी होगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भारत ने स्वयं इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में उठाया था और कश्मीर के लोगों को जनमत संग्रह के जरिए भविष्य तय करने का वादा किया था, जो दशकों बाद भी पूरा नहीं हुआ। पाकिस्तानी दूत ने कहा कि भारत जम्मू-कश्मीर में भारी सैन्य तैनाती बनाए हुए है। लोकल लोगों के मौलिक अधिकारों को दबा रहा है और असहमति की आवाजों को कुचल रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भारत क्षेत्र की जनसांख्यिकी बदलने के लिए कदम उठा रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है।

आतंकवाद के मुद्दे पर भारत पर पलटवार
आतंकवाद को लेकर भारत के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए सरवानी ने कहा कि भारत बेबुनियाद आरोप लगाकर ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि भारत खुद सीमापार आतंकवाद, कथित सरकारी हिंसा और विदेशों में लक्षित हत्याओं में शामिल रहा है।

सिंधु जल संधि पर भी जताई आपत्ति
सरवानी ने सिंधु जल संधि को लेकर भारत के रुख की आलोचना की। उन्होंने कहा कि इस संधि में एकतरफा निलंबन या बदलाव का कोई प्रावधान नहीं है और पानी को राजनीतिक हथियार बनाना गलत है। उन्होंने 2025 में कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन के फैसले का हवाला देते हुए संधि की वैधता बनाए रहने की बात कही। अपने बयान के अंत में पाकिस्तानी दूत ने भारत में लोकतंत्र की स्थिति पर भी सवाल उठाए। उन्होंने नागरिक स्वतंत्रताओं में गिरावट, असहमति के दमन और अल्पसंख्यकों के खिलाफ कथित अत्याचारों का आरोप लगाया।

भारत पर आतंकी संगठनों को समर्थन देने का दावा
पाकिस्तान के दूत ने आरोप लगाया कि भारत ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP), बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) और अन्य समूहों को समर्थन दिया है, जिन्होंने पाकिस्तान में हमले किए हैं। उन्होंने कहा कि भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ की गई कार्रवाइयां अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन हैं।

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