इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने आखिरकार अपने यहां अवैध रूप से रह रहे अफगानों को बाहर निकलने के लिए एक नवंबर से बुलडोजर वाली सख्ती शुरू कर दी है. पाकिस्तान के सख्त कदम से बीते 30 साल से अधिक समय से बिना दस्तावेज के रह रहे करीबन 17 लाख अफगानों के लिए कुआं और खाई वाली स्थिति बन गई है, जिसमें न तो अफगानिस्तान जाते बन रहा है, और न ही पाकिस्तान में रुकते.

पाकिस्तान ने कहा है कि वह अफगानों सहित सभी गैर-दस्तावेज अप्रवासियों को देश छोड़ने का आदेश 3 अक्टूबर को ही जारी कर चुका है. देश में अब गैर दस्तावेजों के साथ रहे किसी भी शख्स को निकालने की कार्रवाई गुरुवार यानी 2 नवंबर से शुरू हो जाएगी. पाकिस्तान ने प्राथमिकता के तौर पर सबसे पहले उन लोगों को चुना है, जिनका आपराधिक रिकॉर्ड है. पाक सरकार का तर्क है कि इससे उस पर आर्थिक बोझ भी कम पड़ेगा और बेरोजगारी के आंकड़ों में भी कमी आएगी. पाकिस्तान सरकार पहले ही महंगाई और कई देशों के कर्जों में दबी हुई है.

उधर, अफगानिस्तान की सीमा से लगे उत्तर-पश्चिमी प्रांत खैबर पख्तूनख्वा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पिछले दो हफ्तों के दौरान लगभग 1 लाख 4000 अफगान नागरिक तोरखम सीमा पार से चले गए हैं. वहीं पाकिस्तान के आंतरिक मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि बिना दस्तावेजों वाले लोगों में से 140,322 लोग देश छोड़कर जा चुके हैं. पाक सरकार का अनुमान है कि 40 लाख से अधिक अफगानों में से 17 लाख के पास कोई दस्तावेज नहीं है.