नई दिल्ली। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को बड़ी राहत देते हुए अपनी ग्रे-लिस्ट से बाहर कर दिया है. भारत ने पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ से हटाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. चार साल बाद ग्रे लिस्ट से बाहर आने के बाद अब खस्ताहाल अर्थव्यवस्था से जूझ रहा पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं के पास जा सकता है. इसे भी पढ़ें : दिवाली की खरीदारी: गोलबाजार की गलियों में निकले CM बघेल, खरीदे मिट्टी के दीये और पटाखे, जानिए कौन सी मिठाईयां खरीदी?

FATF के प्रेसीडेंट टी. राजा कुमार ने सिंगापुर से एक वर्चुअल प्रेस कान्फ्रेंस में पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट से हटाए जाने की जानकारी देते बताया कि पेरिस में 20-21 अक्टूबर को हुई दो दिवसीय बैठक में यह फैसला लिया गया है. इस फैसले के बाद भारत ने अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि एफएटीएफ की जांच के कारण पाकिस्तान को कुख्यात आतंकवादियों के खिलाफ कुछ कार्रवाई करने के लिए मजबूर किया गया है.

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पाकिस्तान को एफएटीएफ की ‘ग्रे लिस्ट’ से हटाए जाने पर मीडिया के सवालों के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हमने पेरिस में एफएटीएफ प्लेनरी के संदर्भ में पाकिस्तान से संबंधित रिपोर्ट देखी है. हम समझते हैं कि पाकिस्तान मनी लांड्रिंग पर एशिया प्रशांत समूह (एपीजी) के साथ अपनी मनी लांड्रिंग विरोधी और आतंकी वित्तपोषण रोधी प्रणाली को और बेहतर बनाने के लिए काम करना जारी रखेगा.

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