नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को लेकर अपना रूख सख्त कर लिया है. इसकी एक मिसाल सिंधु जल संधि को निलंबित करना है. अब निलंबन का असर नजर आने लगा है, जिसमें चिनाब के पानी को भारत ने रोक दिया है. सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण (आईआरएसए) इस कदम से शुरुआती खरीफ मौसम के लिए 21 प्रतिशत कमी घोषित की है. वहीं देर खरीफ में 7 प्रतिशत की कमी होने की आशंका है.
पाकिस्तान के सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण के प्रवक्ता मुहम्मद खालिद इदरीस राणा ने ब्लूमबर्ग को बताया कि भारत ने पाकिस्तान को दिए जाने वाले सामान्य जल की मात्रा में लगभग 90% की कमी की है. उन्होंने कहा कि अगर प्रवाह में कमी जारी रही तो इस्लामाबाद को खेतों में पानी की आपूर्ति में पाँचवाँ हिस्सा कम करना पड़ेगा.
राणा ने इसे अभूतपूर्व बताते हुए कहा कि भारत आमतौर पर बिजली उत्पादन के लिए प्रतिदिन कुछ पानी रखता है, लेकिन हर कुछ घंटों में इसे छोड़ देता है.
सलाल, बगलिहार बांध के गेट बंद
भारतीय अधिकारियों ने चिनाब नदी पर बगलिहार हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट बांध के सभी गेट बंद कर दिए हैं. नदी पर सलाल बांध के सभी गेट भी बंद हैं. हालांकि, यह सुनिश्चित करने के लिए कि जलचरों पर कोई खास असर न पड़े, सलाल और बालीघर बांधों के केवल एक गेट से पानी छोड़ा जा रहा है.
सिंधु नदी प्रणाली में झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास, सतलुज शामिल हैं, जिनके उपयोग के अधिकार 1960 की संधि के माध्यम से भारत और पाकिस्तान के बीच विभाजित किए गए थे. पाकिस्तान सिंचाई के लिए नदी प्रणाली पर निर्भर है.
पाकिस्तान के सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण (आईआरएसए) के सलाहकार पैनल ने सोमवार को मारला में चिनाब नदी के प्रवाह में अचानक कमी पर गहरी चिंता व्यक्त की. इसने कहा कि भारत के इस कदम से खरीफ के शुरुआती मौसम में पानी की कमी हो जाएगी.
सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण सलाहकार समिति (आईएसी) ने “शुरुआती खरीफ” (मई – 10 जून) और देर खरीफ (11 जून – सितंबर) मौसम के शेष महीनों के लिए पानी की स्थिति की समीक्षा की. सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण (आईआरएसए) ने एक बयान में कहा कि इस बात पर सर्वसम्मति से ध्यान दिया गया कि भारत द्वारा कम आपूर्ति के कारण मराला में चिनाब नदी के प्रवाह में अचानक कमी के परिणामस्वरूप शुरुआती खरीफ मौसम में और अधिक कमी होगी.
आईएसी ने चिनाब नदी में आपूर्ति सामान्य रहने की स्थिति में शेष शुरुआती खरीफ मौसम के लिए 21 प्रतिशत की कुल कमी घोषित की. हालांकि, स्थिति की दैनिक निगरानी की जाएगी और यदि “चिनाब नदी” में कमी जारी रहती है, तो कमी की फिर से समीक्षा की जाएगी. देर खरीफ की कमी 7 प्रतिशत होने की उम्मीद है.