नई दिल्ली। देश में संसद का विशेष सत्र आहूत किए जाते ही इस बात पर कयास लगाए जा रहे हैं कि संविधान में परिवर्तन कर इंडिया शब्द को तिलांजलि देकर अब भारत किया जा रहा है. कांग्रेस सहित तमाम विरोधी दल के नेता इस पर मोर्चा खोले हुए है. इस बीच पाकिस्तान से खबर आ रही है कि अगर भारत ने इंडिया नाम का त्याग किया तो वह इस शब्द पर संयुक्त राष्ट्र में जाकर अपनी दावेदारी ठोकेगा.

पाकिस्तान की स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अगर इंडिया नाम की मान्यता आधिकारिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र में रद्द कर दी जाती है तो पाकिस्तान इंडिया के नाम पर अपना दावा पेश कर सकती है. पाकिस्तान वैसे भी काफी लंबे समय से ये दलील देता आया है कि इंडिया नाम सिंधु क्षेत्र को दर्शाता है.

South Asia Index report के मुताबिक, पाकिस्तान के कायदे आजम मोहम्मद अली जिन्ना ने इंडिया नाम का विरोध भी किया था. उन्होंने ब्रिटिश भारत की ओर से नए स्वतंत्र देश के नाम के रूप में इंडिया नाम के अपनाने पर आपत्ति जताई थी. उन्होंने इसके जगह पर हिंदुस्तान या भारत का सुझाव दिया था.

यहां तक उन्होंने 1947 में भारत की आजादी के एक महीने बाद एक कला प्रदर्शनी का अध्यक्ष बनने के लिए लुईस माउंटबेटन के तरफ से भेजे गए निमंत्रण को स्वीकार करने से इसलिए इनकार कर दिया था, क्योंकि निमंत्रण पत्र पर हिंदुस्तान के बजाय इंडिया शब्द का इस्तेमाल किया गया था. उस वक्त इस घटना के बाद जिन्ना ने भारत के आखिरी गवर्नर रहे माउंटबेटन को एक पत्र लिखा और कहा कि ये दुख की बात की कुछ अज्ञात कारणों की वजह से भारत ने इंडिया नाम को अपना लिया है.