Sahir Shamshad Mirza: पाकिस्तानी सेना (Pakistani Army) के नंबर-2 अधिकारी साहिर शमशाद मिर्जा ने भारत (India) को नए वर्ल्ड ऑर्डर का शक्तिशाली खिलाड़ी और महात्वाकांक्षी देश बताया है। हालांकि इसके तुरंत बाद भारत की बढ़ती शक्ति और सैन्य गतिविधियों पर चिंता व्यक्त करेत हुए इंडिया के लिए ‘ट्रोजन हॉर्स’ (साम्राज्यवादी) शब्द का इस्तेमाल किया।
दरअसल इस्लामाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम ‘बैलेंसिंग रिलेशनशिप बिटवीन ग्लोबल नॉर्थ एंड ग्लोबल साउथ:चैलेंजेज एंड ऑपर्च्युनिटीज’को संबोधित करते हुए जनरल साहिर शमशाद मिर्जा ने कहा कि लेडीज एंड जेंटलमैन, संक्षेप में मैं कहना चाहूंगा कि भारत ग्लोबल साउथ का महत्वपूर्ण देश है। वर्ल्ड ऑर्डर में अहम स्थान रखने वाला एक महात्वाकांक्षी देश है।
हालांकि जनरल ने भारत को ग्लोबल साउथ का ट्रोजन हॉर्स बताकर भारत की बढ़ती शक्ति से अपनी ईर्ष्या खुलकर जाहिर कर दी। ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (CJCSC) के चेयरमैन जनरल साहिर शमशाद मिर्जा ने कहा कि “भारत ग्लोबल साउथ का महत्वपूर्ण देश है… लेकिन यह Hegemonism और Expansionism को संजोए रखता है. यह संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों और मानवाधिकारों की अवहेलना करता है। इसलिए, इसका वर्तमान दृष्टिकोण ग्लोबल साउथ की आकांक्षाओं का विरोधाभास है- यह इस कैंप में एक संभावित ट्रोजन हॉर्स है।
कार्यक्रम में शमशाद मिर्जा ने यह संदेश दिया कि वह भारत-पाकिस्तान के बीच के मुद्दे को सुलझाने के लिए तीसरे देश की मध्यस्थता का स्वागत करने को आतुर है। उन्होंने कहा, “हमारी मान्यता है कि भारत और पाकिस्तान के बीच विवादों को सुलझाने के लिए एक मैकेनिज्म बनाने के लिए तीसरी पार्टी का होना जरूरी है, हम किसी भी देश, बहुधुव्रीय पैनल या अंतर्राष्ट्रीय संस्था द्वारा ऐसे किसी भी कोशिश का सदा स्वागत करेंगे।
पाकिस्तान के जनरल ने एक हास्यास्पद लॉजिक देते हुए कहा कि भारत की सेना का राजनीति करण हो चुका है, और इसकी राजनीति सैन्यीकृत हो गई है। यह एक खतरनाक मिश्रण है जो क्षेत्रीय स्थिरता को अस्थिर करता है। ये बयान उस पाकिस्तान का है जहां अबतक एक भी चुनी हुई सरकार ने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया है और जहां की सेना जब-तब वहां की सरकार को उठाकर फेंक देती है और कब्जा कर बैठती है।
भारत पर लगाए ये आरोप
बयान में जनरल शमशाद मिर्जा ने भारत को “साम्राज्यवादी” और विस्तारवाद की नीति पर चलने वाला देश बताते हुए कहा कि भारत कट्टरवाद को बढ़ावा देता है, संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों की अवहेलना करता है और मानवाधिकारों का उल्लंघन करता है। उन्होंने भारत को ग्लोबल साउथ का संभावित ‘ट्रोजन हॉर्स’ बताया।
ग्लोबल साउथ और भारत का रोल
बता दें कि ग्लोबल साउथ विकासशील देशों का एक समूह है, जो मुख्य रूप से एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और ओशिनिया में स्थित हैं। ये देश आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक रूप से उभरते हुए हैं, और अक्सर ऐतिहासिक रूप से उपनिवेशवाद, असमान व्यापार और संसाधन शोषण का सामना कर चुके हैं। ग्लोबल साउथ का उद्देश्य वैश्विक शासन में समानता, जलवायु न्याय और सतत विकास को बढ़ावा देना है। भारत ग्लोबल साउथ का एक प्रमुख नेतृत्वकर्ता है. यह G-77, नॉन-अलाइन्ड मूवमेंट (NAM) और अन्य मंचों के माध्यम से इन देशों की आवाज को मजबूत करता है। भारत ने 2023 में G20 की अध्यक्षता के दौरान ग्लोबल साउथ के मुद्दों को प्राथमिकता दी, विशेष रूप से जलवायु वित्त और तकनीकी सहायता पर जोर दिया। भारत अपनी डिजिटल प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा और वैक्सीन कूटनीति (जैसे कोवैक्स) के माध्यम से इन देशों का समर्थन करता है।
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