दिल्ली. पाकिस्तान के वित्त मंत्री असद उमर ने ये दावा किया है कि पाकिस्तान पर मूल ऋण इतना अधिक हो चुका है कि वह दिवालिया होने की कगार पर है। उमर ने ये बात इस्लामाबाद में सोशल मीडिया के साथ देश की अर्थव्यवस्था के संबंध में सवाल जवाब के विशेष सत्र में कही।

उन्होंने कहा, “आप इतने भारी ऋण के बोझ के साथ अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जा रहे हैं। हमें भारी अंतर को भरना है।” वहीं एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने व्यापक आर्थिक चुनौतियों का हवाला देते हुए कहा है कि वित्त वर्ष 2018 में पाकिस्तान की वृद्धि दर 5.2 फीसदी से गिरकर 2019 में 3.9 फीसदी पर आने का अनुमान है।

उमर ने सत्र में कहा, “अगर पीएमएलएन समय के नंबर को देखें तो महंगाई दहाई अंक में थी, हम शुक्रगुजार हैं कि अभी यह उस स्तर को नहीं छू पाई है।”
वित्त मंत्री ने कहा कि पहले की तरह महंगाई अभी दहाई अंक नहीं छू पाई है। पहले महंगाई ने समाज के हर तबके को समान रूप से प्रभावित किया। उन्होंने कहा कि महंगाई ने गरीबों पर अधिक असर डाला है, ये सही है लेकिन हमारे शासन में स्थिति थोड़ी अलग है। उच्च आय वर्ग की तुलना में गरीब पर महंगाई का असर अपेक्षाकृत कम है।

उमर ने ये बात भी स्वीकार की है कि देश में मंदी चल रही है और रोजगार की दर भी धीमी है। उन्होंने पूर्व वित्त मंत्री इशाक डार का नाम लेते हुए कहा, “मेरी सारी नीतियां इशाक डार की तरह हैं, जबकि उन्होंने अर्थव्यवस्था को चौपट करने का आरोप लगाया है। उनके कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार निर्यात नहीं बढ़ा, डॉलर मजबूत हुआ। पहले की नीतियों के कारण हमें इतना नुकसान हुआ है।”