इस्लामाबाद। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिवंगत पूर्व सैन्य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ को उच्च राजद्रोह मामले में 2019 में एक विशेष अदालत द्वारा दी गई मौत की सजा को बरकरार रखा. 1999 में कारगिल युद्ध के पीछे के तानाशाह और पाकिस्तान के अंतिम सैन्य शासक मुशर्रफ का लंबी बीमारी के बाद 5 फरवरी, 2023 को दुबई में निधन हो गया था. इसे भी पढ़ें : पड़ोसी राज्य का धान खपा रहा था सरपंच, 171 कट्टा धान का अवैध परिवहन करते पकड़ाया…

79 वर्षीय पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति का दुबई में अमाइलॉइडोसिस का इलाज चल रहा था. वह स्वदेश में आपराधिक आरोपों से बचने के लिए 2016 से स्व-निर्वासन में संयुक्त अरब अमीरात में रह रहे थे. पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश काजी फ़ैज़ ईसा की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय पीठ जिसमें न्यायमूर्ति मंसूर अली शाह, न्यायमूर्ति अमीनुद्दीन खान और न्यायमूर्ति अतहर मिनल्लाह शामिल थे, ने सुनवाई की.

इसे भी पढ़ें : छत्तीसगढ़ में अब तक 91.07 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी, अन्नदाताओं को 20,208 करोड़ रुपये का हो चुका भुगतान

17 दिसंबर, 2019 को, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी के कार्यकाल के दौरान उनके “असंवैधानिक” निर्णय के लिए उनके खिलाफ उच्च राजद्रोह का मामला दर्ज किए जाने के बाद एक विशेष अदालत ने पाकिस्तान के पूर्व शासक को मौत की सजा सुनाई. नवंबर 2007 में आपातकाल लागू किया गया. शीर्ष अदालत ने पूर्व शासक द्वारा उन्हें दी गई मौत की सजा के खिलाफ दायर अपील पर सुरक्षित फैसला सुनाया और अनुपालन न करने पर इसे अप्रभावी घोषित कर दिया.