रिपोर्ट- विनोद दुबे
दुर्ग। देश की सुरक्षा के लिए हर साल सीमा में सैकड़ों की संख्या में हमारे जांबाज सैनिक शहीद हो रहे हैं लेकिन कुछ जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक लापरवाही की वजह से एक बार फिर देश की सुरक्षा खतरे में है. मामला दुर्ग का है, यहां बड़ी संख्या में न सिर्फ विदेशी नागरिक अवैध रुप से रह रहे हैं बल्कि वे गैरकानूनी तरीके से भारतीय पहचान पत्र प्राप्त करने में कामयाब भी हो गए हैं. लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि मामले का खुलासा होने के साल भर बाद भी न तो पहचान पत्र रद्द किए गए और न ही किसी पर कोई कार्रवाई ही की गई. प्रशासनिक मेहरबानी का आलम यह है कि इनमें से कईयों के वीजा खत्म हुए अरसा बीत गया और वे खुलेआम घूम रहे हैं.
भारतीय नागरिकता के अहम गवाह इन पहचान पत्रों को बनवाने के लिए आम आदमी की चप्पलें तक घिस जाती हैं लेकिन दुर्ग में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों का गैर कानूनी तरीके से आधार कार्ड बना दिया गया है. जिले में 161 विदेशी नागरिकों के आधार कार्ड बना दिये गए हैं. जिन 161 विदेशी नागरिकों के आधार कार्ड बनाए गए हैं उनमें अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, रशिया, यूक्रेन, अफगानिस्तान, चीन के अलावा पाकिस्तानी नागरिक शामिल हैं, इनमें सर्वाधिक पाकिस्तानी नागरिकों के आधार कार्ड बनाए गए है.
ऐसे हुआ खुलासा
बड़ी संख्या में पाकिस्तानियों समेत विदेशी नागरिकों के आधार कार्ड बनाए जाने का खुलासा तब हुआ जब विदेशी नागरिकों ने वीजा रिन्यूवल के लिए आधार कार्ड की प्रतियाँ लगा दी. जिसके बाद प्रशासनिक हल्कों में हड़कंप मच गया.
आधार कार्ड बनने की प्रक्रिया
आधार कार्ड बनवाने के लिए पहचान पत्र और एड्रेस प्रूफ होना अनिवार्य है, इसके बगैर आधार कार्ड नहीं बन सकता.
कहां-कहां रह रहे हैं
- दुर्ग नगर निगम के सिंधी नगर में विदेशी नागरिक- 29,
- संतराबाड़ी में घर बनवा के रह रहे विदेशी नागरिक- 17
- दीपक नगर, मालवीय नगर, और गुरुनानक नगर में विदेशी नागरिकों की संख्या- 55
- आदित्य नगर, मुकुट नगर, और शिवाजी नगर में विदेशी नागरिक- 10
- भिलाई नगर निगम के वैशाली नगर, रिसाली, हाउसिंग बोर्ड और जामुल में- 22
- के अलावा 16 लोग जिले के अन्य जगहों में रह रहे हैं।
क्या हुई कार्रवाई
दुर्ग एसपी ने 17 मार्च 2016 को दुर्ग और भिलाई नगर निगम के आयुक्तों को देश और राज्य की सुरक्षा का हवाला देते हुए 7 दिन के अंदर आधार कार्ड निरस्त किये जाने का आदेश दिया था. जिस पर दुर्ग निगम आयुक्त ने हैदराबाद स्थित आधार कार्ड एजेंसी को पत्र लिखकर उन दस्तावेजों की मांग की जिसके बिनाह पर आधार कार्ड बना दिए गए. इसके साथ ही उन आधार कार्डों को निरस्त करने की मांग भी की लेकिन आधार कार्ड एजेंसी ने निगम को दो टूक जवाब में ऐसा करने से इंकार कर दिया.
क्या कहना है जिम्मेदारों का
निगम आयुक्त एसके सुंदरानी ने बताया कि आधार कार्ड एजेंसी ने उन दस्तावेजों की जानकारियां को गोपनीय जानकारी कहते हुए देने से इंकार कर दिया है. उधर दुर्ग एसपी अमरेश मिश्रा का कहना है कि नए नियम संशोधन के तहत मामले को परीक्षण के लिए राज्य सरकार के पास भेज दिया गया है.