भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के प्रति अपनी नरमी को समाप्त कर दिया है. आतंकवाद पर नियंत्रण पाने और पड़ोसी देश को सबक सिखाने के उद्देश्य से भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया है. इसके साथ ही, पाकिस्तान के नागरिकों के लिए विभिन्न प्रकार के वीजा, जिसमें चिकित्सा वीजा भी शामिल है, को रद्द कर दिया गया है. पाकिस्तान के नागरिक बेहतर चिकित्सा और सर्जरी के लिए भारत आते थे, लेकिन पहलगाम हमले के बाद भारत ने इस पर रोक लगा दी है. अब, मेडिकल वीजा पर भारत आए पाकिस्तानियों को 29 अप्रैल, यानी आज, देश छोड़ना होगा.

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मेडिकल वीजा वालों को छोड़ना होगा देश

पाकिस्तान और भारत के बीच के रिश्तों में लगातार तनाव बना हुआ है, जिसके कारण विभिन्न मुद्दों के चलते मेडिकल वीजा पर आने वाले लोगों की संख्या में कमी आई है. हाल ही में पहलगाम हमले के बाद, भारत ने नरमी दिखाने के बजाय सख्त कदम उठाते हुए मेडिकल वीजा को रद्द कर दिया है. इसके परिणामस्वरूप, आज भारत में मेडिकल वीजा पर आए पाकिस्तानियों को देश छोड़कर अपने देश लौटना होगा.

स्वास्थ्य सेवा उद्योग के विशेषज्ञों का मानना है कि पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच चल रही प्रतिशोध की नीति के कारण भविष्य में पाकिस्तान से भारत में मेडिकल टूरिज्म समाप्त हो सकता है. इस संदर्भ में, विदेश मंत्रालय ने पिछले गुरुवार को यह घोषणा की कि पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए मेडिकल वीजा केवल 29 अप्रैल 2025 तक मान्य रहेंगे. इसके बाद, भारत में इलाज कराने आए पाकिस्तानियों को देश छोड़ना होगा.

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वर्तमान में, जहां यह चर्चा हो रही है कि मेडिकल वीजा पर भारत आए पाकिस्तानी नागरिकों को अब भारत छोड़ना पड़ेगा, वहीं यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि वास्तव में कितने पाकिस्तानी नागरिक इलाज के लिए भारत का रुख करते हैं. इसके लिए, पिछले पांच वर्षों के आंकड़ों पर एक नजर डालना आवश्यक है.

कितने पाकिस्तानी इलाज के लिए आए?

वर्ल्ड बैंक की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की जनसंख्या 24 करोड़ से अधिक है. हालांकि, जब हम भारत में चिकित्सा वीजा पर आने वाले पाकिस्तानियों की संख्या का विश्लेषण करते हैं, तो यह जनसंख्या के अनुपात में काफी कम दिखाई देती है. इसके अलावा, समय के साथ पाकिस्तानियों की चिकित्सा उपचार के लिए भारत आने की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है. भारत में सुरक्षा चिंताओं और आतंकवादी हमलों के कारण, सीमा पार से इलाज के लिए आने वाले पाकिस्तानी मरीजों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है. उदाहरण के लिए, वर्ष 2016 में 1,600 पाकिस्तानियों को चिकित्सा वीजा जारी किया गया था, जबकि यह संख्या 2024 में घटकर केवल 200 रह गई है.

हालांकि, 2019 में भारत और पाकिस्तान के बीच स्थिति और अधिक जटिल हो गई, जब पुलवामा आतंकी हमले ने भारत को झकझोर दिया, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव फिर से बढ़ गया. टीओआई के अनुसार, 2019 से 2024 के बीच पाकिस्तानी नागरिकों को केवल 1,228 चिकित्सा वीजा जारी किए गए, जिनमें 2019 में 554, 2020 में 97, 2021 में 96, 2022 में 145, 2023 में 111 और 2024 में 225 वीजा शामिल हैं.

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घटती जा रही है संख्या

एक मेडिकल यात्रा सहायता कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान से मरीज मुख्यतः बेहतर सर्जरी, जैसे कि लीवर ट्रांसप्लांट और जन्म दोषों के उपचार के लिए भारत आते थे, क्योंकि ये सेवाएँ उनके देश में उपलब्ध नहीं हैं और अमेरिका या ब्रिटेन में इनकी लागत बहुत अधिक होती है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 6-7 वर्षों में इस संख्या में काफी कमी आई है, और पहलगाम की हालिया घटना के बाद इसके बढ़ने की संभावना भी कम है.

डॉ. अरविंदर सोइन, मेदांता इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर ट्रांसप्लांटेशन के अध्यक्ष और मुख्य सर्जन, ने बताया कि 8-9 साल पहले तक पाकिस्तान से हर महीने कई मरीज लिवर ट्रांसप्लांट के लिए आते थे, लेकिन अब उनकी संख्या में कमी आई है. पिछले वर्ष, वहां से केवल दो मरीजों का ट्रांसप्लांट किया गया. इसी तरह, फोर्टिस हेल्थकेयर के एक सूत्र ने भी पुष्टि की कि हाल के वर्षों में पाकिस्तानी नागरिकों का उनके अस्पताल में इलाज के लिए आना कम हो गया है. दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल ने जानकारी दी कि वर्तमान में उनके पास कोई पाकिस्तानी मरीज उपचाराधीन नहीं है.

भारत नेपाकिस्तानियों का वीजा किया रद्द

भारत ने पाकिस्तान के 14 प्रकार के वीजा को रद्द कर दिया है. इनमें सार्क (SAARC) वीजा धारकों को 26 अप्रैल तक देश छोड़ने का निर्देश दिया गया है. इसके अलावा, जिन लोगों के पास आगमन पर वीजा है, जैसे व्यापार, फिल्म, पत्रकारिता, पारगमन, सम्मेलन, पर्वतारोहण, छात्र, पर्यटन, तीर्थयात्रा, समूह पर्यटक और समूह तीर्थयात्री वीजा, उन्हें 27 अप्रैल तक पाकिस्तान से निकलना होगा.

    मेडिकल वीजा धारकों को 29 अप्रैल तक यात्रा करनी होगी. इसके बाद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को नया वीजा जारी नहीं किया जाएगा. हालांकि, पाकिस्तानी नागरिकों को पहले से जारी किए गए राजनयिक और आधिकारिक वीजा तब तक मान्य रहेंगे जब तक कि वीजा धारक को निष्कासित नहीं किया जाता.