दिल्ली. कुछ समय पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोजगार को लेकर किए गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि अगर कोई पकौड़ा बेचकर प्रतिदिन 200 रुपये कमाता है तो उसे भी नौकरी के तौर पर माना जाना चाहिए. मोदी के इस बयान का काफी मजाक बनाया गया था. मोदी के इस बयान को लेकर तमाम विपक्षी दलों ने उनकी जमकर आलोचना की थी. तब शायद ही किसी को अंदाजा रहा होगा कि एक पकौड़े वाले के यहां भी आयकर विभाग छापेमारी कर सकता है.
लेकिन यहां हम एक ऐसे पकौड़े वाले के बारे में बता रहे हैं जिसने इनकम टैक्स की रेड के बाद 60 लाख रुपए सरेंडर किए हैं. मामला पंजाब के लुधियाना का है. यहां के मशूहर पन्ना सिंह ‘पकौड़ेवाले’ के वहां आयकर विभाग की छापेमारी हुई है. दरअसल आयकर विभाग को इस बात की पुख्ता जानकारी मिली थी कि पकौड़ेवाले ने टैक्स बचाने के लिए अपनी कम आय दर्शाई है.
इसके बाद आयकर विभाग ने अपनी तैयारी शुरू कर दी, पन्ना सिंह के मॉडल टाउन और गिल रोड स्थित आउटलेट्स पर अपनी नजर रखना शुरू कर दिया. इसके लिए आयकर विभाग ने बकायदा अपने एक अधिकारी को दुकान में हो रही आय के बारे में जानकारी रखने के लिए तैनात कर दिया. बाद में सालाना अनुमानित आय के आधार पर पकौड़ेवाले की आय का आंकलन किया गया जो उसके वार्षिक रिटर्न से काफी कम था. जिसके बाद आयकर विभाग ने पन्ना सिंह के घर और दुकानों पर छापा मारा तब पन्ना सिंह ने 60 लाख आयकर विभाग को सरेंडर किए.
खबरों की मानें तो पन्ना सिंह की पकौड़ा शॉप काफी फेमस है. यहां के ग्राहकों में आम आदमी ही नहीं बल्कि राजनेता, सरकारी अफसर तक शामिल हैं. पन्ना सिंह नाम के शख्स ने 1952 में गिल रोड पर इस पकौड़े की दुकान की स्थापना की थी जो बाद में काफी मशहूर हो गई.