हरिओम श्रीवास, मस्तूरी। जयरामनगर पंचायत चुनाव की पुनर्मतगणना के मामले में हाईकोर्ट ने एसडीएम कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। एसडीएम कोर्ट ने 7 महीने बाद हुई पुनर्मतगणना में हारी हुई प्रत्याशी को विजयी घोषित कर दिया था। इस फैसले के विरोध में तत्कालीन सरपंच गिरजा देवी अग्रवाल ने हाईकोर्ट की शरण ली थी और एसडीएम की भूमिका को संदिग्ध बताया था।

यह था मामला

मामला बिलासपुर जिले के मस्तूरी जनपद क्षेत्र स्थित जयराम नगर पंचायत चुनाव का है। यहां सात माह पहले हुए सरपंच पद  के चुनाव की मतगणना में गिरजा अग्रवाल ने लीला शर्मा को 90 वोट से परास्त कर दिया था। पराजित प्रत्याशी लीला शर्मा ने मतगणना को लेकर असंतोष जाहिर किया था और पुनः मतगणना की मांग को लेकर उन्होंने एसडीएम कोर्ट में अपील की थी। आखिरकार सात माह बाद पुनर्मतगणना की गई, जिसमें लीला शर्मा 26 वोटों से जीत हासिल की।

आपको बता दें त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ग्राम पंचायत जयरामनगर का सरपंच पद इस बार महिला आरक्षित हो गया था। इसमें पांच प्रत्याशी मैदान में थे। 28 जनवरी को हुए मतदान के बाद आए नतीजे में तत्कालीन महिला सरपंच गिरजा अग्रवाल ने 90 वोटों से जीत हासिल की थी।