पंजाब सरकार ने सरपंच और पंच के चुनावों को राजनीतिक दलों के चुनाव चिह्नों पर न कराए जाने के लिए नियमों में बदलाव का फैसला किया है. राज्य के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने गुरुवार को बताया कि इस कदम का मकसद गांवों में आपसी भाईचारे को मजबूत करना है.

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब कैबिनेट ने गुरुवार को पंजाब पंचायत चुनाव नियम, 1994 के नियम 12 में संशोधन की मंजूरी दी. इस संशोधन के बाद पंचायत राज संस्थाओं के चुनाव अब राजनीतिक दलों के चिह्नों पर नहीं लड़े जा सकेंगे. कैबिनेट के प्रवक्ता के अनुसार, राजनीतिक दलों के चुनाव चिह्नों पर चुनाव लड़ने से पंचायतों में अप्रिय घटनाएं और राजनीतिक गुटबाजी बढ़ जाती है, जिससे विकास कार्यों के लिए मिले फंड का उपयोग नहीं हो पाता.

सरकार के आधिकारिक बयान में कहा गया कि राजनीतिक गुटबाजी के कारण पंचायतों के कार्यों में असमानता आ जाती है, जिससे कोरम पूरा नहीं हो पाता और इसके परिणामस्वरूप अनुदान का सही इस्तेमाल नहीं हो पाता. साथ ही, चुनाव के दौरान और बाद में गांवों में विभिन्न राजनीतिक गुटों के बीच हिंसा की घटनाएं होती हैं, जिससे कानून व्यवस्था बिगड़ती है और ग्रामीण समाज की सामाजिक संरचना पर भी नकारात्मक असर पड़ता है.