रायपुर। विनम्रता और सहजता के लिए प्रसिद्ध मंत्री टीएस सिंहदेव आज नाराज भी दिखे और दुखी भी. उन्हें यह जानकार दुख हुआ कि सरगुजा अँचल के आदिवासियों तक शासकीय योजनाओं का लाभ समय पर नहीं पहुँच रहा है. अधिकारी आदिवासियों को को मूल-भूत सुविधा मुहैय्या कराने के लिए परेशान करते हैं.

अधिकारी-कर्मचारी स्वयं आदिवासियों के बीच न जाकर उन्हें अपने तक बुलाते हैं. इस बात की जानकारी जैसे ही मंत्री टीएस सिंहदेव को लगी उन्होंने अधिकारियों को क्लास लगा दी. सिंहदेव ने अधिकारियों को सख्त लहजे में कहा कि अगर 2 महीने के अंदर व्यवस्थाएं नहीं सुधरी, शासकीय योजनाओं का लाभ आदिवासियों को नहीं मिला, तो वे स्यवं अपने खर्चें पर राशन-पानी जैसी मूल जरूरतों को पूरा कराएंगे.

सिंहदेव ने यह बातें आज सूरजपुर जिले के ओड़गी विकासखंड के ग्राम पंचायत बैजनपाठ में आयोजित सभा में कही. इस सभा में तेलइपाठ और लुल के ग्रामीण भी मौजूद थे. साथ ही पंचायत के अधिकारी और कर्मचारी भी.


बाबा ने इस दौरान आदिवासियों से मुलाकात की और उन्होंने बहुत ही आत्मीयता के साथ सबकी समस्याएं सुनी. ग्रामीणों की शिकायतों और समस्याओं को सुनने के बाद बाबा ने भरोसा दिलाया कि उनको मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं को पूर्ण करने हेतु प्रशासन को निर्देश दिया गया है. पीडीएस का लाभ, पेयजल व मोहली से बैजनपाठ आवागमन हेतु सड़क के लिए सरकार प्रयासरत है.

उन्होंने ग्रामीणों से चर्चा के दौरान यह भी कहा की आपको कहीं भी जाने की जरूरत नहीं है, यह जमीन आपके अपने लोगों की है, पूर्वजों द्वारा अर्जित है, आपको यहीं रहना है, आप तक योजना पहुंचे, शासन-प्रशासन पहुंचे, समस्याओं का निदान हो यह सब जल्द होगा और आपके पंचायतों से ही योजनाओं का लाभ मिलेगा.

वहीं बाबा ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि शासकीय योजनाओं का लाभ सभी को तत्काल दिए जाएं और उनके ग्राम पंचायतों में ही मिले, उन्हें पाठ से नीचे न बुलाया जाए. साथ ही उन्होंने अधिकारियों से यह भी कहा कि 2 महीनों बाद भी यदि स्थिति ऐसी ही बनी रही तो मैं स्वयं अपने खर्चे पर राशन-पानी जैसी मूल जरूरतों को पूरा करूँगा.

बता दें कि बैजनपाठ, लुल एवं तेलइपाठ पहाड़ी पर बसे ग्राम पंचायत हैं, जहां पर अभी भी साधन-सुविधाओं का अभाव है. ग्राम पंचायत मोहली से इनकी दूरी लगभग 12-13 किमी की है, जहां से पहाड़ी सड़क के माध्यम से इन ग्राम पंचायतों में जाना पड़ता है. जिससे सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए उन्हें मोहली तक आना पड़ता है. वहीं पेयजल की सुविधाओं का भी अभाव है. ऐसे में काफी संख्या में ग्रामीण अपना ग्राम छोड़कर पहाड़ी से नीचे की ओर रिजर्व फारेस्ट से लगे क्षेत्र ग्राम कछवारी में पहाड़ों के बीच लगभग 50-60 परिवार रहने को आ गये थे, जिससे प्रशासन एवं शासन काफी चिंता बढ़ गई थी. उन्हें पुनः अपने ग्राम पंचायत में रहने एवं उनको मिलने वाली सुविधाएं समुचित रूप में मिले इस बात को लेकर आज प्रदेश के स्वास्थ्य एवं पंचायत मंत्री टी.एस. सिंह देव सहित भटगांव विधायक पारसनाथ राजवाड़े बैजनपाठ पहुंचे थे. सकारात्मक बैठक में ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत में ही रहने की स्वीकृति दी है.