रमेश सिन्हा, पिथौरा। ग्राम पंचायत पाटनदादर के आदिवासी सरपंच मोहन बरिहा ने सचिव पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. इसकी शिकायत उन्होंने पिछले दिनों उच्च अधिकारियों से की थी. लेकिन पंचायत सचिव के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. इससे तंग आकर उन्होंने खुदकुशी करने की धमकी दी है.

लिखित शिकायत में मोहन बरिहा ने कहा कि ग्राम पंचायत पाटनदादर में लंबे समय से पदस्थ सचिव सुखसागर जगत के द्वारा सूचना दिए बगैर चंद पंचों को बुलाकर मासिक बैठक कर लिया गया और गलत तरीके से कई फर्जी प्रस्ताव तैयार किया गया. सचिव के सारे गलत कारनामे की लिखित शिकायत जनपद पंचायत के सीईओ व अनुविभागिय अधिकारी (राजस्व) को किया था, लेकिन आज तक सचिव के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्रवाई सक्षम अधिकारी द्वारा नहीं की गई. सचिव की मनमानी के चलते मैं बेहद परेशान हूं. मैंने सचिव सुखसागर जगत को हटाने की मांग सीईओ से की थी. प्रशासन द्वारा मेरे मांग पर गंभीरता पूर्वक विचार नहीं करने पर मैं आत्मदाह करने विवश हूं, जिसकी जवाबदारी प्रशासन की होगी.

मोहन बरिहा ने आज अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, मुख्य कार्य पालन अधिकारी जनपद पंचायत पिथौरा, थाना प्रभारी साकरा को न्याय नहीं मिलने से अब आत्माहत्या कर लेने की लिखित ज्ञापन सौंपा है.

आदिवासी सरपंच के छलकते आंसू से साफ पता चलता है कि पंचायत सचिव के व्यवहार से कितना व्यथित है. वहीं इस प्रताड़ना की जानकारी मिलते ही सरपंच संघ के अध्यक्ष सहित आदिवासी समाज के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी से शिकायत की है. अब देखना होगा कि सरपंच को न्याय मिलता है या नहीं.

मामले में मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रदीप कुमार प्रधान ने बताया कि सरपंच मोहन बरिहा का पत्र हमें मिला है. आत्माहत्या करना गलत बात है. कानूनन अपराध है. सरपंच मोहन बरिहा की शिकायत कापी जिला पंचायत सीईओ को भेजा गया है. सचिव को हटाने संबंधी पत्र पहले भी मिले हैं. उच्च अधिकारियों को मामले की जानकारी दे दी गई है.