छतरपुर। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर और कथावाचक पंडित धीरेंद्र शास्त्री हिंदू राष्ट्र बनाने की अपील कर रहे हैं। बांग्लादेश हिंसा का मुद्दा हो या फिर ‘नेम प्लेट’ का, उन्होंने हर घटना पर मुखर होकर बयान दिया है। इस बीच उन्होंने एक संकल्प लिया है, जिसके तहत वह बागेश्वर धाम से ओरछा तक 160 किलोमीटर की पदयात्रा करेंगे। इसके पीछे उन्होंने जो वजह बताई है, वह चौंकाने वाली है।
दरअसल, पंडित धीरेंद्र शास्त्री हिंदू एकता का नारा लेकर पदयात्रा निकाल रहे हैं। इसमें शामिल होने के लिए अनुयायियों के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। इसके बाद वे थाली, कंबल और बिस्तर के साथ यात्रा में चल सकेंगे। यहां से एक केसरिया ध्वज लेकर निकला जाएगा। ओरछा पहुंचने के बाद इसे मंदिर में चढ़ाया जाएगा।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने अपने बयानों में कहा था कि “बांग्लादेशी हिंदू अत्याचार होने पर हिंदुस्तान आ जाएंगे, मगर जब हिंदुस्तान में हिंदुओं पर अत्याचार होगा तो वे कहां जाएंगे?” इस सवाल को एक बार फिर उन्होंने अपनी यात्रा के संकल्प को बताते हुए दोहराया है।
21 नवंबर से शुरू होगी यात्रा
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा है कि “हिंदुओं को एकजुट करने और सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के लिए वह 21 से 30 नवंबर तक पदयात्रा करेंगे।” 21 नवंबर को बागेश्वर धाम तीर्थ से इसकी शुरुआत होगी। प्रतिदिन 20 किलोमीटर चलेंगे। 30 नवंबर को ओरछा पहुंचकर यात्रा का समापन होगा।
रजिस्ट्रेशन कराने पर भोजन, प्रसादी की मिलेगी सुविधा
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने पदयात्रा में शामिल होने वालों से रजिस्ट्रेशन करवाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इससे भोजन प्रसादी और अन्य व्यवस्थाओं को लेकर अभी से इंतजाम किया जाएगा।धीरेंद्र शास्त्री ने ये भी कहा कि जो अनुयायी 8 दिनों तक यात्रा में साथ चलेंगे, वे अपने साथ कंबल, बिस्तर और थाली लेकर जरूर आएं। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि जो अनुयाई रजिस्ट्रेशन कराएंगे, इसी रजिस्ट्रेशन के आधार पर उनकी व्यवस्था की जाएगी।
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