वाराणसी. 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir Pran Pratistha) कराने वाले पंडित आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित (Pandit Laxmikant Dixit Passes Away) का आज शनिवार सुबह निधन हो गया. 86 वर्षीय आचार्य लक्ष्मीकांत काशी में अंतिम सांस ली. वे पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे. प्राण प्रतिष्ठा के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने पंडित लक्ष्मीकांत से मुलाकात की थी.
लक्ष्मीकांत दीक्षित का वाराणसी में कुछ दिनों से इलाज चल रहा था. उनके निधन से शहर में शोक की लहर है. पुजारी लक्ष्मीकांत दीक्षित की अंतिम यात्रा उनके निवास स्थान मंगलागौरी से निकलेगी और मणिकर्णिका महाश्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पूजन में पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित की मुख्य भूमिका रही थी. पं. लक्ष्मीकांत नेतृत्व में ही राम मंदिर में सभी पूजन-पाठ संपन्न हुए थे. साथ ही वो दिसंबर 2021 काशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण के पूजन में भी शामिल हुए थे.
लक्ष्मीकांत दीक्षित थे बड़े विद्वान
लक्ष्मीकांत दीक्षित वाराणसी के सांगवेद महाविद्यालय के वरिष्ठ आचार्य थे. इस विश्वविद्यालय की स्थापना काशी नरेश के सहयोग से की गई थी. आचार्य लक्ष्मीकांत की गिनती काशी में यजुर्वेद के बड़े विद्वानों में होती थी.
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