अरविन्द मिश्रा, बलौदाबाजार. जिले के ग्राम कोकड़ी में आयोजित आशुतोष शिव कथा महापुरण के तीसरे दिन पंडित प्रदीप मिश्रा ने उपस्थित श्रद्धालुओं से कहा कि, जीवन को सफल सुव्यवस्थित और सुख समृद्धि से परिपूर्ण बनाना है, तो तीन मित्रों की संगत बिल्कुल नहीं करना और वह है ताली मित्र झूठी तारीफ करने वाला, थाली मित्र बडे़ होटलों में ले जाने वाला और तीसरा प्याली मित्र जो कि मदिरालय ले जाने वाले. ऐसे मित्रों की संगत कदापि नहीं करना चाहिए. कारण यह कि झूठी प्रशंसा करने वाला आपको गर्त में ढ़केल देगा, दूसरा मित्र होटलों में खाना खिलाने वाला जो आपको घर के भोजन में अरूचि पैदा कर देगा और तीसरा मदिरालय ले जाने वाला जो पूरा घर-परिवार नष्ट कर देगा.

लगभग तीन लाख से ऊपर उपस्थित जनसमूह मंत्रमुग्ध होकर अंतराष्ट्रीय कथा वाचक प्रदीप मिश्रा सीहोर वाले के मुखारबिंद से शिव कथा का श्रवण किया. रामूराम जायसवाल परिवार द्वारा आयोजित कथा में पंडित प्रदीप मिश्रा अपने प्रवचन में बताया कि जब दुख तकलीफ की घड़ी आती है, तब जिस चीज की ज़रूरत होती है वहां हमें जाना पड़ता है. सोने एवं चांदी के आभूषण बर्तन अथवा संपति को सराफा या अन्य दुकान में विक्रय से पैसा लेकर उस दुःख तकलीफ एवं आवश्यकता को दूर करने का काम करते हैं. उसी तरह दुःख के घड़ी में अवश्य रूप से भगवान शिव के पास एक लोटा जल और चावल के दाने, बेलपत्र लेकर जाइए. भगवान शिव को कुछ नहीं चाहिए बस आप श्रद्धा दीजिए. सारी दुनिया में किए गए व्रत, दान का पुण्य भले फलदाई न हो पर भगवान शिव को चढ़ाया गए समर्पण, बेलपत्र, अक्षत और जल का फल आपके साथ जीवन भर रहेगा. उसका पुण्य कभी समाप्त नहीं होता.

आगे उन्होंने कहा, कथा में भगवत का बल और भक्ति होनी चाहिए, तभी उसका फल प्राप्त होता है. धर्म के धक्के खाकर जो भगवान के पास पहुंचते है तो भगवान भी उनका हाथ पकड़कर उन पर कृपा करते हैं. 2 जनवरी से ग्राम कोकड़ी में कड़ाके की ठंड में पंडाल में आकर कथा सुनने आए हैं देर रात तक भजन कीर्तन करते हैं. सुबह ठंडे पानी से नहाकर शिव जाप करते हुए शिव कथा का इंतजार करते हैं, उनसे बड़ा साधू नही हो सकता. शिव पुराण के अनुसार शिवकथा का स्थल कैलाश का प्रतीक होता है आज कोकड़ी कैलाश स्वरूप में है, जो श्रद्धालु यहां उपस्थित हैं उन पर भगवान शिव की विशेष कृपा है. जो व्यक्ति किसी स्त्री को अपशब्द बोलता है, शिवालय मंदिर जाते हुए व्यक्ति का अपमान करता है उसके जीवनकाल का अंतिम चरण बहुत कष्टमय बीतता है. इस दुनिया में जो ताक़त स्त्री के तप ,भक्ति में है वह दुनिया में कही नहीं है.

परायणकर्ता प. प्रदीप मिश्रा ने व्यासपीठ से विशाल सभा को संबोधित करते हुए कहा कि, संगत का जीवन में बहुत असर होता. तुम कहां बैठ रहे हो तुम किसके साथ बैठ रहे हो उस परिस्थितियों से उस व्यक्ति की कीमत आंकी जाती है. जीवन में ताली मित्र, थाली मित्र और प्याली मित्र जीवन में विनाश का कारण बनते हैं. इसलिए अच्छे एवं बुरे समय में अच्छी संगत करें, क्योंकि बुरे समय में आपके साथ कोई नहीं रहेगा. जीवन को सार्थक बनाइये. स्वयं के इच्छा शक्ति से जीवन निर्माण करिए, जिससे परिवार, समाज में खुशियों का आगमन होगा. जो व्यक्ति अपने माता-पिता का कहना छोड़ दूसरों का बात मानता है वो अपने विनाश को आमंत्रित करता है. भगवान शिव को जो दिल से जपता है उसे बाबा दिल से सुनते हैं. जीवन के इस यात्रा में सभी समस्याओं का एक ही हल एक लोटा जल और शिवतत्व है.