नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुग्राम स्थित रियल एस्टेट समूह आईआरईओ के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ललित गोयल को ‘पैंडोरा पेपर्स’ से जुड़े धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया है. सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. पैंडोरा पेपर्स मामले से जुड़ी यह पहली गिरफ्तारी है. गोयल पर एक ट्रस्ट और 4 संस्थाओं के माध्यम से कथित तौर पर 7.7 करोड़ अमेरिकी डॉलर की संपत्ति को ब्रिटिश वर्जिन द्वीप समूह में स्थानांतरित करने का आरोप है. उन्हें कुछ दिन पहले इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय (आईजीआई) हवाई अड्डे पर अधिकारियों ने हिरासत में लिया था, जब वह देश छोड़ने वाले थे.
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इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने उनसे चंडीगढ़ में एक वित्तीय धोखाधड़ी में उनकी कथित संलिप्तता के लिए पूछताछ की. उनका नाम पैंडोरा पेपर्स में ऑफशोर फंड्स के ग्लोबल लीक में भी सामने आया था. हालांकि गोयल और उनकी कानूनी टीम ने सभी आरोपों का खंडन किया है. वित्तीय जांच एजेंसी विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) उल्लंघन मामले में भी गोयल की जांच कर रही है.
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विशेष रूप से कुछ अमेरिकी निवेश कंपनियों ने भी गोयल के खिलाफ वित्तीय धोखाधड़ी के आरोप लगाए हैं. यह भी आरोप लगाया गया है कि गोयल के इरियो ने कई लोगों को धोखा दिया है और उन्हें उनके घरों पर कब्जा नहीं दिया है. केंद्र ने पहले उन लोगों की जांच के लिए एक मल्टी एजेंसी ग्रुप (एमएजी) टीम का गठन किया था, जिनके नाम पैंडोरा पेपर्स में सामने आए हैं. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष एमएजी के प्रमुख होते हैं, जबकि इसमें सीबीडीटी, प्रवर्तन निदेशालय, भारतीय रिजर्व बैंक और वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) के प्रतिनिधि भी होते हैं.
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