सत्यपाल सिंह, रायपुर। राजिम के पांडुका में पुलिस कस्टडी में हुए सुनील श्रीवास की मौत को लेकर बीजेपी ने मोर्चा खोल दिया है. पूर्व सीएम रमन सिंह और श्रीचंद सुंदरानी ने कहा कि यदि निष्पक्ष जाँच नहीं की जाती है तो इस मामले को ऊपर तक लेके जाएंगे, इसके साथ ही सरकार से माँग की है कि पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपए मुआवज़ा और 5 पुलिस वाले आरोपियों पर हत्या का केस दर्ज किया जाए, जिन्हें सिर्फ़ सस्पेंड किया गया है.

बीजेपी का कहना है कि सुनील ने आत्महत्या नहीं किया है, उसका हत्या हुआ है. मृतक के शरीर को सिगरेट से जलाया गया था और चोट के निशान इसका प्रमाण है. जिस तरह से पोस्टमार्टम किया गया है उससे और संदेह बढ़ गया. परिजनों ने कहा था कि पीएम रायपुर में बड़े अधिकारी के उपस्थिति में हो, लेकिन आनन-फानन में पीएम कर मामले को दबाने की कोशिश की गई है.

मृतक सुनील

बता दें कि पुलिस ने सुनील तो गिरफ्तार कर थाना लाई थी और दूसरे दिन उसकी पुलिस कस्टडी में फांसी पर लटका शव मिला था. पोस्टमार्टम भी संदिग्ध तरीके से हुआ था. जिस पर कार्रवाई की माँग की गई है.

आपको ये भी बता दें कि पांडुका पुलिस ने जायका ऑटो मोबाइल के सेल्समैन सुनील श्रीवास को धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया था. न्यायालय में पेश करने से पहले उसने थाना भवन से करीबन 80 मीटर दूर स्थित शौचालय के रोशन दान में अपने शर्ट से फंदा बना कर आत्महत्या कर ली थी. इसके बाद तत्काल कार्रवाई करते हुए गरियाबंद एएसपी सुखनंदन राठौर ने टीआई समेम पांच को सस्पेंड कर दिया था.