Zika virus in Pune: महाराष्ट्र (Maharashtra) के पुणे में जीका वायरस के 6 केस मिलने से हड़कंप मच गया है। 2 प्रेग्नेंट महिला समेत डॉक्टर और उसकी बेटी पॉजिटिव मिलने से महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग (Maharashtra Health Department) अलर्ट मोड पर है। संक्रमित सभी मरीजों के स्वास्थ्य पर डॉक्टर नजर रखे हुए हैं। मरीजों में शरीर पर लाल चिकत्ते, बुखार और मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षण देखे गए हैं। इनका इलाज किया जा रहा है। इधर एक अधिकारी ने बताया कि पुणे के एरंद्वाने और मुंधवा में जांच के दौरान 6 मरीजों में जीका वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है।
जीका वायरस से संक्रमित सभी 6 मरीजों के स्वास्थ्य पर डॉक्टर नजर रखे हुए हैं। डॉक्टरों के मुताबिक, किसी व्यक्ति में जीका वायरस का संक्रमण एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। यह वायरस इसलिए भी ज्यादा खतरनाक है, क्योंकि यह एक से दूसरे में फैलता रहता है।
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि जीका वायरस संक्रमण का पहला मामला एरंद्वाने में सामने आया है। यहां 46 वर्षीय डॉक्टर की रिपोर्ट जीका पॉजीटिव आई है। वहीं डॉक्टर की 15 साल की बेटी भी संक्रमित पाई गई है। साथ ही मुंधवा से भी दो मामले सामने आए हैं, इनमें एक 47 वर्षीय महिला और 22 वर्षीय युवक शामिल हैं।
2 गर्भवती महिलाएं भी पॉजिटिव
अधिकारियों ने कहा कि एरंडवाने इलाके की 28 वर्षीय गर्भवती महिला में जीका वायरस का संक्रमण पाया गया है। विगत शुक्रवार को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। 12 सप्ताह की गर्भवती एक अन्य महिला में भी सोमवार को संक्रमण पाया गया। दोनों महिलाओं की हालत अभी ठीक है और उनमें कोई लक्षण नहीं है। बता दें कि गर्भवती महिलाओं में जीका वायरस के कारण भ्रूण में माइक्रोसेफेली (ऐसी स्थिति जिसमें असामान्य मस्तिष्क विकास के कारण सिर काफी छोटा हो जाता है) हो सकता है।
क्या है लक्षण और बचाव?
डॉक्टरों के मुताबिक, जीका वायरस से संक्रमित मरीजों को बुखार आता रहता है। मरीज सिरदर्द और जोड़ों में दर्द की शिकायत कर सकते हैं। आंखें लाल हो जाती हैं. शरीर पर लाल चकत्ते भी निकल जाते हैं. चूंकि, यह संक्रमण मच्छर के काटने से फैलता है, इसलिए घर के आसपास पानी जमा न होने दें। बचाव के लिए पूरी बाजू़ के कपड़े पहनें, जिन इलाकों में संक्रमित मरीज रह रहे हैं, वहां जाने से परहेज करें. साथ ही खाने का विशेष ध्यान रखें।
जीका वायरस कब आया?
1947 में इस वायरस का पहला केस सामने आया. युगांडा में बंदरों में इस वायरस का संक्रमण देखने को मिला था। हालांकि, इंसानों में जीका का पहला केस 1952 में सामने आया था। बीते कुछ सालों में अलग-अलग देशों में जीका के केस देखने को मिले हैं। अक्टूबर 2015 से जनवरी 2016 के बीच ब्राजिल में जीका के हजारों मामले सामने आए। इस देश में 4000 बच्चों में जीका वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई थी।
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