पन्ना। भारत ने स्वास्थ्य क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। अजयगढ़ राजपरिवार के सदस्य एवं देवेंद्रनगर निवासी डॉ. हृदय शाह जूदेव ने अपनी नवाचार प्रयोगशाला शक्तिनेत्रा लैब्स के माध्यम से गो वेनम नामक विश्व का पहला पहनने योग्य एंटी-वेनम उपकरण विकसित किया है। इस परियोजना में उनके साथ आशीष अंजना हेरिटेज फाउंडेशन भी सह-स्वामी और सहयोगी संस्था है, जो ग्रामीण एवं आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य नवाचार को पहुंचाने का कार्य करती है।

क्या है गो वेनम?

यह एक स्मार्ट कलाई पर पहनने वाला उपकरण है। सांप के काटते ही यह कुछ ही सेकंड में शरीर में प्रवेश कर रहे विष का पता लगाता है। स्मार्ट माइक्रोफ्लूडिक्स तकनीक के माध्यम से सांप की प्रजाति पहचानता है और स्वचालित रूप से सटीक मात्रा में एंटी-वेनम इंजेक्ट करता है। इतना ही नहीं, इसमें एक विशेष पुनर्जीवित करने वाला जैल भी शामिल है जो घाव के आसपास ऊतक क्षति को कम करता है।

वीडियो

क्यों है यह जरूरी ?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार हर साल दुनिया भर में लगभग 2.7 मिलियन लोग सांप के काटने से प्रभावित होते हैं, जिनमें से 81,000 से 1,38,000 मौतें होती हैं। भारत में ही हर साल करीब 58,000 लोग सांप के जहर से जान गंवाते हैं। सबसे अधिक प्रभावित आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्र हैं, जहां समय पर चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध नहीं हो पाती।

डॉ. जुदेव ने कहा- “गो वैनम केवल एक उपकरण नहीं, बल्कि करोड़ों लोगों के लिए सुरक्षा, आशा और जीवन का प्रतीक है। यह शरीर पर पहनने योग्य आपातकालीन चिकित्सा है, जो मदद आने से पहले ही जीवन बचा सकती है।”

पेटेंट और फील्ड ट्रायल्स

इस आविष्कार को भारतीय पेटेंट कार्यालय (Application No. 202521075957) द्वारा प्रकाशित किया गया है। इसका सह-स्वामित्व उनके असित अंजना हेरिटेज फाउंडेशन (सेक्शन 8 गैर-लाभकारी संस्था एवं पंजीकृत स्टार्टअप) के साथ है।

फील्ड ट्रायल्स की शुरुआत मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ से होगी, जहां देश में सबसे अधिक सांप काटने के मामले सामने आते हैं। इसका उद्देश्य इस तकनीक को ग्रामीण और आदिवासी समुदायों के लिए लिए अनुकूल बनाना है।

संभावनाएं

गो वेनम को पहले ही एक विश्व-प्रथम नवाचार के रूप में मान्यता मिल चुकी है। इसका उपयोग किसानों, यात्रियों, सैनिकों, वन कर्मियों और ग्रामीण समुदायों के लिए जीवन रक्षक साबित हो सकता है। जहाँ शक्तिनेत्रा लैब्स तकनीकी अनुसंधान का केंद्र है, वहीं उनकी असित अंजना हेरिटेज फाउंडेशन इस तकनीक को ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए कार्यरत है। दोनों के सहयोग से यह परियोजना केवल प्रयोगशाला तक सीमित न रहकर समाज तक पहुंचेगी।

डॉ. हृदय शाह जूदेव का परिचय

डॉ. हृदय शाह जूदेव अजयगढ़ राजपरिवार के सदस्य है और बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं। वे इंटरनेशनल कोचिंग फेडरेशन (ICF) से प्रशिक्षित लाइफ एवं लीडरशिप कोच हैं, एक उद्यमी हैं और उनका बैकग्राउंड सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) से जुड़ा हुआ है।

उन्होंने आइजेनबर्ग स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाचुसेट्स (अमेरिका) से पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन डिजाइन थिंकिंग एवं इनोवेशन परा किया है और वे सर्टिफाइड लीन सिक्स सिग्मा ब्लैक बेल्ट भी हैं।

तकनीक, नीति-निर्माण और सामाजिक उत्थान तीनों क्षेत्रों में उनकी सक्रिय भूमिका रही है। वे लंबे समय से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से और भाजपा के सदस्य हैं। NIILM University, हरियाणा से PhD (H.C.) in Strategic Leadership & Public Policy प्राप्त की है।

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H