Pannun in Trump oath ceremony: डोनाल्ड ट्रम्प(Donald Trump) अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति बन गए हैं. ट्रम्प ने सोमवार रात 10:30 बजे भारतीय समयानुसार अमेरिकी संसद कैपिटल हिल में राष्ट्रपति पद की शपथ ली(Trump oath ceremony) जिसमें देश-दुनिया से कई नेता और मेहमान शामिल हुए. भारत का सबसे चर्चित खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू(Pannun) भी डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में देखा गया. एक वायरल वीडियो में पन्नू को खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हुए दिखाया गया है. दावा किया जा रहा है कि मोस्ट वांटेड आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू समारोह में शामिल हुआ और खालिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाया, जबकि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर(S. Jayshankar) भी वहां थे, जिस पर कई लोग चिंतित हैं. वीडियो में दिखाई देने वाला व्यक्ति पन्नू ही है, इसकी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन कई लोगों ने अति सुरक्षित शपथ ग्रहण में एक आतंकवादी की उपस्थिति पर चिंता जताई है.
अमेरिका ने पिछले साल भारत के पूर्व अधिकारी पर खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था. मीडिया रिपोर्टों में दावा किया जा रहा है कि पन्नू ने ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचने के लिए पहले अपने संपर्क के जरिए टिकट खरीदा था, लेकिन इसके बारे में कुछ स्पष्ट नहीं है.
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सुरक्षा में चूक तो नहीं!
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हुए हमले के बाद, सीक्रेट सर्विसेस अत्यधिक सतर्क था और किसी भी खतरे को नजरअंदाज नहीं किया जा रहा था. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस शपथ ग्रहण में 25,000 अधिकारियों को लगाया गया था, 30 मील तक बैरिकेडिंग लगाई गई थी और हर ओर पेट्रोलिंग हो रही थी, जो दुनिया में सबसे सुरक्षित शपथ ग्रहण था.
बता दें कि ट्रंप ने अपने शपथ ग्रहण में 700 से अधिक अंतरराष्ट्रीय नेताओं को बुलाया था, जिनमें इटली की प्रधानमंत्री जार्जिया मेलोनी, अर्जेंटिना के राष्ट्रपति जेवियर मिलेई, चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग, एस. जयशंकर, बिजनेसमैन रूपक मर्डोक, मार्क जुकरबर्ग, एलन मस्क और सुंदर पिचाई शामिल थे.
कौन है गुरपतवंत सिंह पन्नू?
अमेरिका और कनाडा की नागरिकता रखने वाले गुरपतवंत सिंह पन्नू मूलतः पंजाब के खानकोट का निवासी है और सिख फॉर जस्टिस नामक एक संस्था चलाता है. भारत सरकार ने 2019 में पन्नू के संगठन SFJ को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत बैन लगाया था क्योंकि यह आतंकी गतिविधियां करता था. SFJ सिखों के लिए रेफरेंडम की आड़ में पंजाब में उग्रवाद और अलगाववाद का समर्थन कर रहा था. 2020 में, पन्नू ने पंजाबी सिख युवाओं को हथियार लेने और अलगाववाद फैलाने का आरोप लगाया. 1 जुलाई 2020 को, केंद्र सरकार ने पन्नू को UAPA के तहत आतंकवादी घोषित किया. मीडिया ने बताया कि यही इस कथित साजिश का मुख्य लक्ष्य था. एफबीआई की चार्जशीट में इसका उल्लेख नहीं है.
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