Papankusha Ekadashi 2025: आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पापांकुशा एकादशी कहा जाता है. यह दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आराधना के लिए बेहद शुभ माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से जीवन के सभी दुख दूर होते हैं और साधक को सुख, शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है.

Also Read This: Dussehara 2025: दिल्ली में पीएम मोदी और सोनिया गांधी का कार्यक्रम रद्द, राष्ट्रपति ने किया रावण दहन ; ऑपरेशन सिंदूर का किया जिक्र

Papankusha Ekadashi 2025
Papankusha Ekadashi 2025

क्यों खास है पापांकुशा एकादशी? (Papankusha Ekadashi 2025)

धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से इंसान को पापों से मुक्ति मिलती है और भगवान विष्णु की कृपा हमेशा बनी रहती है. यही कारण है कि भक्त न सिर्फ व्रत करते हैं बल्कि इस दिन पापांकुशा एकादशी व्रत कथा भी सुनते या पढ़ते हैं. माना जाता है कि कथा पढ़े बिना व्रत अधूरा रहता है.

Also Read This: ब्रिटेन के मैनचेस्टर में यहूदी प्रार्थना स्थल के बाहर आतंकी हमला ! आतंकवादी ने लोगों पर चढ़ाई कार फिर चाकू से किया हमला ; हमलावर समेत 2 की मौत और 3 घायल

पापांकुशा एकादशी व्रत कथा (Papankusha Ekadashi 2025)

प्राचीन समय की बात है. विंध्य पर्वत के पास एक बहेलिया रहता था. वह स्वभाव से क्रूर था और अपने जीवन में शिकार करने, लूटपाट करने और हिंसा जैसे कई पाप कर्म करता रहा.

जब उसका अंतिम समय आया तो यमराज ने अपने दूतों को उसे लाने भेजा. यह सुनकर बहेलिया बहुत डर गया. उसे अपने किए गए पाप याद आने लगे और वह सोचने लगा कि अब उसे नर्क जाना पड़ेगा.

तभी उसे देखकर अंगिर ऋषि को दया आ गई. बहेलिया ने ऋषि से कहा – “मैंने अपने जीवन में बहुत पाप किए हैं. कृपया मुझे कोई उपाय बताइए जिससे मैं पापों से मुक्ति पा सकूं.”

अंगिर ऋषि ने उसे आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पापांकुशा एकादशी का व्रत करने की सलाह दी. बहेलिया ने पूरे विधि-विधान से इस व्रत का पालन किया. धार्मिक मान्यता के अनुसार, व्रत के प्रभाव से उसे मोक्ष की प्राप्ति हुई और पापों से मुक्ति मिल गई.

Also Read This: PM Modi Ravan Dahan LIVE: राष्ट्रपति मुर्मू ने किया रावण दहन, बारिश के बावजूद लोगों में उत्साह; थोड़ी देर में PM मोदी दशहरा समारोह में होंगे शामिल

पापांकुशा एकादशी 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त (Papankusha Ekadashi 2025)

  • एकादशी तिथि की शुरुआत – 02 अक्टूबर 2025, शाम 07:10 बजे
  • एकादशी तिथि का समापन – 03 अक्टूबर 2025, शाम 06:32 बजे

इस बार पापांकुशा एकादशी का व्रत 3 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को रखा जाएगा.

व्रत विधि

  • प्रातः स्नान कर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें.
  • व्रत के दौरान फलाहार ग्रहण करें और सात्विकता बनाए रखें.
  • श्री विष्णु सहस्त्रनाम या गीता पाठ करना बेहद शुभ माना जाता है.
  • संध्या समय व्रत कथा का पाठ करें और अंत में आरती करके प्रसाद बांटें.

इस मंत्र का करे जाप (Papankusha Ekadashi 2025)

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

ॐ नमो नारायणाय

ॐ विष्णवे नमः

ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं सिद्धलक्ष्मी नारायणाय नमः

Also Read This: दशहरे की खास परंपराएं: क्यों खिलाया जाता है पान और दी जाती है सोना पत्ती? जानें यहां