टोंक जिले के देवली शहर के नजदीक कुचलवाड़ा गांव की बिजासन माता मंदिर की चर्चा अब दूर-दूर तक फैल गई है. इस मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है. यहां लकवा जैसी गंभीर रोग से पीड़ित मरीज भी बिजासन माता के आशीर्वाद से स्वस्थ हो जाते हैं. वर्तमान समय में आधुनिक चिकित्सा व्यवस्थ भी Paralysis जैसे रोग के सामने बेबस नजर आती है. लेकिन इस असाध्य रोग के इलाज करने के लिए बिजासन मंदिर में लोग दूर-दूर से आते हैं.
यहां हर वर्ष लकवा ग्रस्त रोगियों की आने वालों की संख्या बढ़ते जा रही है. यह सब श्रद्धा और आस्था का ही चमत्कार माना जाता है. प्रतिवर्ष यहां आने वाले Paralysis रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है. यह पौराणिक स्थल राष्ट्रीय राजमार्ग जयपुर कोटा से जुड़ा है.
Paralysis से ग्रस्ति लोगों की अभिमंत्रित तेल से की जाती है मालिश
बिजासन माता के मंदिर में Paralysis रोगियों को माता जी का भभूत खिलाया जाता है और रोग ग्रस्त अंगों पर माता रानी का धागा बांधा जाता है. यहां रोगियों को तेल अभिमंत्रित करके भी दिया जाता है. इसका रोगी के रोग प्रभावित शरीर के अंग पर मालिश की जाती है. जिससे वह अंग पूर्ण रूप से फिर से काम करने लगते हैं. यहां रोगियों को रहने और खाने पीने के लिए धर्मशाला भी बनाई गई है. गांव के व्यक्तियों ने बताया कि माताजी के दरबार आने के बाद कोई भी रोगी निराश नहीं लौटता है. साथ हीं, माता रानी की कृपा से लोगों की मनोकामना पूर्ण होती है.
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